Bihar Land Survey: कब्जे की सरकारी भूमि का क्या होगा? जानें क्या कहते हैं बंदोबस्त पदाधिकारी
बिहार में चल रहे जमीन के विशेष सर्वेक्षण से किसानों की चिंता बढ़ गई है। सरकारी जमीन पर 50 सालों से कब्जा जमाए किसानों को बेदखली का डर सता रहा है। सर्वे कर्मियों का कहना है कि सरकारी जमीन सरकार की है। वहीं बंदोबस्त पदाधिकारी का कहना है कि अभी किसान अपनी कब्जे वाली सभी जमीन का ऑनलाइन और ऑफलाइन कर सकते हैं। बाद में जमीन की जांच होगी।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। बिहार में जमीन का विशेष सर्वेक्षण चल रहा है। इसके लिए जिलों में नियुक्त किए गए अमीन से लेकर अन्य सर्वे कर्मी गांवों में जा रहे हैं। रैयतों से जमीन का सर्वे कराने का अनुरोध कर रहे हैं।
अमीन के द्वारा वंशावली, विवादित जमीन का सर्वेक्षण, जमीन मापी, नक्शा, खतियान के बारे में जानकारी दी जा रही है। जमीन का सर्वे कराने के लिए घर से बाहर दूसरे प्रदेशों में रह रहे रैयत गांव पहुंच रहे हैं। जमीन का कागजात एकत्रित करने में लगे हैं।
रैयतों का सबसे अधिक टेंशन उनके कब्जे में रहे सरकारी जमीन को लेकर है। सरकारी जमीन पर किसानों को 50 वर्षों से कब्जा है, लगान रसीद कट रहा है, लेकिन सर्वे में इस जमीन से बेदखल होने का डर किसानों को सता रहा है। सर्वे कर्मियों के द्वारा रैयतों को कहा जा रहा है कि सरकारी जमीन सरकार की है।
क्या कहते हैं बंदोबस्त पदाधिकारी
जिला बंदोबस्त पदाधिकारी शैलेश कुमार दास ने बताया कि अभी किसान अपनी कब्जे वाली सभी जमीन का ऑनलाइन और ऑफलाइन कर सकते हैं। जमीन सर्वे के बाद में जमीन की जांच होगी।
जो जमीन गैरमजरुआ मालिक पर अवैध दखल कब्जा होगी, वैसी जमीन को विभागीय निर्देश पर कार्य किया जाएगा।
जो जमीन विवादित होगी उसे अभियुक्ति कालम में विवादित लिखा जाएगा। न्यायालय में लंबित विवादित जमीन के मामले में विवादित लिखा जाएगा।
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