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Aurangabad: यूपी के रहने वाले थे ट्रेन से गिरकर मरने वाले दोनों युवक, काम की तलाश में घर से निकले थे

सोननगर-गढ़वा रेलखंड के अंकोरहा स्टेशन के पास शुक्रवार की रात ट्रेन से गिरकर मरे दो युवकों की पहचान रविवार को हो गई है। एक की पहचान आधार कार्ड से की गई तो दूसरे युवक की पहचान उसके पास से बरामद मोबाइल से हुई। मृतकों में एक संतोष कुमार 24 वर्ष पिता रामधनी गुप्ता यूपी के सोनभद्र जिले के औरीमोड़ थाना क्षेत्र के कड़वा नाला गांव का निवासी था।

By Ranjan KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 07 Aug 2023 05:20 PM (IST)
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यूपी के रहने वाले थे ट्रेन से गिरकर मरने वाले दोनों युवक, काम की तलाश में घर से निकले थे।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद: सोननगर-गढ़वा रेलखंड के अंकोरहा स्टेशन के पास शुक्रवार की रात ट्रेन से गिरकर मरे दो युवकों की पहचान रविवार को हो गई है। एक की पहचान आधार कार्ड से की गई तो दूसरे युवक की पहचान उसके पास से बरामद मोबाइल से हुई।

मृतकों में एक संतोष कुमार 24 वर्ष पिता रामधनी गुप्ता यूपी के सोनभद्र जिले के औरीमोड़ थाना क्षेत्र के कड़वा नाला गांव का निवासी था। दूसरे युवक की पहचान सोनभद्र जिले के अनपरा थाना क्षेत्र के परासी गांव निवासी विजय राम के 28 वर्षीय पुत्र सतीश रावत के रूप में हुई है।

पुलि‍स ने परिजनों को सौंपे दोनों के शव

सोननगर रेल थाना पुलिस की सूचना पर दोनों के स्वजन सासाराम पोस्टमार्टम कक्ष पहुंचे और शव की पहचान की। पहचान के बाद सोननगर रेल थाना पुलिस ने दोनों के शव को स्वजन को सौंप दिया।

सोननगर रेल थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि दोनों की पहचान होने के बाद शव को सौंप दिया गया है। स्वजनों ने पुलिस को बताया कि दोनों घर से नौकरी के लिए निकले थे। घर से यह कहकर निकले थे कि जहां नौकरी लगेगी, वहां के बारे में जानकारी देंगे।

बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में यह आशंका जताई गई है कि दोनों जिस ट्रेन से सफर कर रहे होंगे और गेट पर बैठे होंगे तो नींद आने के कारण दोनों गिर गए, जिससे मौत हुई है।

हालांकि, मौत के अन्य बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। थानाध्यक्ष ने बताया कि अंकोरहा के अलावा रेलखंड के अन्य किसी स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक या स्टेशन मास्टर के द्वारा किसी ट्रेन से कटकर मौत की सूचना चालक के द्वारा नहीं दी गई है।

स्वजन भी किसी से अदावत या हत्या की घटना नहीं बता रहे हैं। युवकों की मौत से दोनों के स्वजन मर्माहत हैं। शव लेते समय स्वजन फफक रहे थे। कह रहे थे कि घर की गरीबी और बेरोजगारी ने दोनों की जान ले ली। नौकरी की तलाश में निकले और जान से हाथ धो बैठे।

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