Chhath Puja 2024: सूप-दउरा की कीमत ने बढ़ाई टेंशन, पिछले साल के मुकाबले दोगुना हुआ दाम; वजह भी आई सामने
छठ पूजा के अवसर पर सूप-दउरा की कीमत ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। पिछले साल की तुलना में कीमत दोगुनी हो गई हैं। बांस से बने सामग्री के निर्माता और विक्रेता छठ पर अच्छी बिक्री की उम्मीद करते हैं जो उनके लिए अर्थोपार्जन का एक अच्छा अवसर है। इसबार विक्रेता को बांस भी काफी महंगा मिल रहा है।
उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद)। Chhath Puja 2024 Date: छठ पूजा को लेकर बाजार में भीड़ बढ़ गई है। सूप-दउरा को खरीदने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी है। लेकिन इस बार सूप-दउरा की कीमत आसमान छू रही है। पिछले साल के मुकाबले दोगुने दाम पर ये सभी सामान मिल रहे हैं।
40 का सूप 80 में तो 60 का दउरा 120 से 150 में मिल रहा
40 रुपये में बिकने वाला सूप छठ में 80 रुपये बिक रहा है। दउरा की कीमत 120 से 150 रुपये है और पंखा का दाम लगभग 20 रुपये बाजार में है। छठ में बांस से बने सामग्री की बिक्री खूब होती है। इतनी जितनी कभी नहीं होती है। इसका एक इको सिस्टम है। बाजार है। निर्माता है और विक्रेता भी। क्योंकि खरीदार सालों भर हैं लेकिन सर्वाधिक बिक्री छठ पर होती है।
दैनिक जागरण ने इस बाजार तंत्र को समझने की कोशिश की। दाउदनगर में नहर के किनारे नगर परिषद क्षेत्र की सफाई की जिम्मेदारी उठाने वाली आबादी बसती। एक विशेष जाति वर्ग के यहां लोग हैं जो बांस से वस्तुओं का निर्माण करते हैं। इसके अलावा इस जाति के लोग कई जगह शहर में बसे हैं। अच्छी संख्या में लोग कादरी स्कूल के पास बसे हैं। इनके लिए छठ अर्थोपार्जन का एक अच्छा अवसर उपलब्ध कराता है।
अरवल के सकरी मसूदा निवासी भगलू अपनी पत्नी मीना देवी और बेटा-बेटी के साथ सिंचाई विभाग के आइबी से सटे बसे हैं।
220 रुपये टाल से प्रति बांस खरीदना पड़ता है
बताते हैं कि 220 रुपये टाल से प्रति बांस खरीदते हैं। बांस का हरा होना आवश्यक है। एक बांस से 14 सूप का निर्माण करते हैं। जो अभी 70 से 80 रुपये में बिकते हैं। बाकी दिनों में इसे 50 रुपये में बेचते हैं। तब व्यवसायी को 40 रुपये में देते हैं। छठ में 250 सूप बेच चुके हैं। छठ के अलावा सर्वाधिक पंखा की बिक्री बट सावित्री पूजा के समय होती है।10 हजार से अधिक सूप की बिक्री
चूड़ी बाजार में बांस से निर्मित सामग्री के बड़े विक्रेता हैं मुन्ना कुमार। वे बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर खरीदारी के अलावा वे झारखंड के छतरपुर से सूप, दउरा और पंखा लाते हैं। फिलहाल सूप की बिक्री 80 रुपये है। दउरा 120 से 150 रुपये बेच रहे हैं। पंखा 20 रुपये में बेच रहे हैं। बताया कि अनुमंडल मुख्यालय में लगभग 10,000 सूप, इतना ही दउरा और पंखा छठ के अवसर पर बिकता है।
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भगलू बताते हैं कि उन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा है। न उनकी पत्नी मीना देवी पढ़ी है। हालांकि बेटा रवि कुमार आठवां में एक निजी विद्यालय में पढ़ता है। नकारात्मक पक्ष यह है कि बेटी शीला कुमारी नहीं पढ़ती है।शहर की सफाई की जिम्मेदारी
बांस से वस्तुओं के निर्माण से जुड़े परिवार नगर परिषद क्षेत्र की सफाई का काम करते हैं। काफी लोग शहर की सफाई के लिए तय किए गए एनजीओ तरक्की से जुड़े हुए हैं। भगलू बताते हैं कि काम 365 दिन उपलब्ध है। काम की कोई कमी नहीं है।छठ पूजा 2024- नहाय-खाय से लेकर पारण तक की तिथि
- छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय किया जाता है। इस दिन स्नान और भोजन करने का विधान है।इस बार 05 नवंबर को नहाय खाय किया जाएगा।
- छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं नए मिट्टी के चूल्हे पर खीर बनाती हैं। इसके बाद उसे भोग के रूप में छठी मैया को अर्पित किया जाता है। इस दिन पूजा के बाद व्रत की शुरुआत होती है। इस बार खरना पूजा 06 नवंबर को है।
- इसके अगले दिन यानी तीसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार 07 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।
- छठ पूजा के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद शुभ मुहूर्त में व्रत तोड़कर पारण किया जाता है। इस पर्व का समापन 08 नवंबर को है।