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Bihar Politics : लोकसभा चुनाव से पहले जदयू में भूचाल, इस जिले में एकसाथ छह नेताओं के इस्तीफे मंजूर

Bihar Politics लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में जदयू पार्टी में टूट सामने आने लगी है। जिलास्तर पर पार्टी में कलह सामने आई है। बीते हफ्ते एकसाथ 15 पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष पर कई तरह के आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इनमें से छह का इस्तीफा मंजूर किया गया है। शेष नेता अपने पद पर बने रहेंगे।

By Ranjan KumarEdited By: Yogesh SahuUpdated: Mon, 30 Oct 2023 07:26 PM (IST)
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Bihar Politics : लोकसभा चुनाव से पहले जदयू में भूचाल, इस जिले में एकसाथ छह नेताओं के इस्तीफे मंजूर
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। लोकसभा चुनाव से पहले जिला जदयू में भूचाल आया है। पार्टी जिलाध्यक्ष के कार्यों से नाराज जिला स्तरीय पदाधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं।

पार्टी के 15 पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था। एक साथ 15 की इस्तीफा के बाद से पार्टी में हलचल बढ़ गई है।

15 नेताओं ने दिया था इस्तीफा

जिलाध्यक्ष इस्तीफा दिए अधिकारियों को हटाने में लगे हैं। वहीं, पार्टी नेता अध्यक्ष के खिलाफ राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत कर रहे हैं।

रविवार को जिला जदयू के मुख्य प्रवक्ता अजिताभ कुमार सिंह रिंकू ने प्रेस बयान पर जारी कर बताया कि नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के जदयू के 15 पार्टी पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।

छह का इस्तीफा मंजूर किया गया है। नौ अपने पद पर बने रहेंगे। सभी ने रविवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर अपनी गलती पर खेद प्रकट किया है।

ये नेता अपने पद पर बने रहेंगे

मुख्यालय प्रभारी चंदन सिंह के निर्देश पर उदय पटेल, मुकेश पटेल, विनोद सिंह, फारूक कैसर, बृजमोहन मेहता, महावीर मेहता, जितेंद्र चंद्रवंशी, केदार यादव, मुरारी रजक अपने पद पर बने रहेंगे।

जिला प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा, उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह, सूर्यवंश सिंह, विभूति नारायण पांडे, सचिव नागेंद्र सिंह एवं महासचिव रंजीत कुमार सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। अब ये पद पर नहीं रहेंगे।

मनमानी का लगाया आरोप

उधर, पूर्व मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा के साथ अन्य पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष पर मनमानी, संगठन को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

बताया है कि औरंगाबाद स्थित जदयू कार्यालय बंद रहता है। गांधी एवं राधाकृष्णन जयंती पर कार्यालय बंद रहा। दोनों की जयंती पर कोई कार्यक्रम नहीं हुआ।

जिलाध्यक्ष पटना में रहते हैं, जिस कारण संगठन कमजोर हो रहा है। जिला 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के गठन में ओबरा, नबीनगर, बारुण, हसपुरा एवं कुटुंबा प्रखंड को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।

जिलाध्यक्ष न बनाने का आग्रह

ऐसे लोगों को सदस्य बनाया गया जो पार्टी के सदस्य नहीं है। उन्हें कोई जानता नहीं है। राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष से विधायक एवं पूर्व विधायक को भविष्य में जिलाध्यक्ष न बनाने का आग्रह किया है।

उधर, जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जदयू के जिला प्रवक्ता रहे राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा के पास कार्यालय का चाबी रहती है। उन्होंने कार्यालय क्यों नहीं खोला? पार्टी द्वारा नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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