मगही भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग
औरंगाबाद। सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला से मगही भाषा को संविधान औरंगाबाद। सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला से मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने का मांग की है। सांसद ने अपना संबोधन मगही भाषा में किया।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:27 PM (IST)
औरंगाबाद। सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला से मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने का मांग की है। सांसद ने अपना संबोधन मगही भाषा में किया। सांसद ने कहा कि मगही भाषा का इतिहास बहुत पुराना है। मगध साम्राज्य भारत के एक ऐसा साम्राज्य था जिसका सीमा एक तरफ अफगानिस्तान एवं दूसरी तरफ आज के बांग्लादेश तक था। महात्मा बुद्ध भी मगध की धरती पर जाकर ज्ञान प्राप्त किए। चंद्रगुप्त मौर्य भी मगध के साम्राज्य थे।
उन्होंने कहा कि मगध साम्राज्य का ऐसा इतिहास है जहां नालंदा खुला विश्वविद्यालय जो विश्व विख्यात है। बिहार-झारखंड प्रदेश के कितने ऐसे जिले हैं जहां मगही भाषा बोली जाती है। इस भाषा का अपनी लिपि भी है जिसे कैथी कहा जाता है इसका अपना व्याकरण है। इसका इतिहास बहुत स्वर्णिम है। भाषा सरल व मीठी है हिदी से काफी मिलता जुलती है। सांसद ने कहा की मगही की सुप्रसिद्ध भाषा जिसका इतना स्वर्णिम इतिहास है।मगध के लोगों के साथ भाषा के मामले में जो अन्याय हुआ वह खत्म हो। इस भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में दर्ज कराकर मगध के लोगों के साथ न्याय किया जाए। इस मांग के लिए मगध के समाजसेवी, बुद्धिजीवी समेत सभी लोगों ने सांसद के प्रति हर्ष व्यक्त किया है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।