Dhanteras 2023: धनतेरस पर करनी है खरीदारी तो यहां देखें सही समय, घर में होगा लक्ष्मी का आगमन; पूजा का शुभ मुहूर्त भी जानें
Dhanteras 2023 धन एश्वर्य की कामना से महालक्ष्मी की पूजा के लिए सर्व श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल स्थिर लग्न वृष में संध्या 05.30 बजे से 07.23 बजे के मध्य तक है। इसी समय में चांदी सिक्का स्वर्ण गिनी चांदी की लक्ष्मी गणेश और कुबेर की प्रतिमा चांदी बर्तन पीतल तांबा फुल कांसा स्टील अन्य धातु के खाने पीने और बनाने का बर्तन खरीदना चाहिए।
By UPENDRA KASHYAPEdited By: Rajat MouryaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 04:36 PM (IST)
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। Dhanteras 2023 Puja Time पवित्र कार्तिक में पर्व प्रतिदिन होते हैं और इसका प्रारंभ शुक्रवार को दीपावली से होगा। कर्मकांडी पंडित लालमोहन शास्त्री ने बताया कि धनतेरस शुक्रवार को मनाया जाएगा। दिन 11.47 बजे से त्रयोदशी हो जाएगी। धनवंतरी जयंती प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी ग्रहण किया गया है।
Dhanteras Shopping Muhurat धन, एश्वर्य की कामना से महालक्ष्मी की पूजा के लिए सर्व श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल स्थिर लग्न वृष में संध्या 05.30 बजे से 07.23 बजे के मध्य तक है। इसी समय में चांदी, सिक्का, स्वर्ण गिनी, चांदी की लक्ष्मी गणेश और कुबेर की प्रतिमा, चांदी बर्तन, पीतल, तांबा, फुल, कांसा, स्टील अन्य धातु के खाने पीने और बनाने का बर्तन खरीदना चाहिए।
मिट्टी की लक्ष्मी गणेश प्रतिमा, दीपक, रुई बत्ती, कर्पुर, मोमबत्ती, झाडु, सूप, सलाई, तिल तेल खरीदना चाहिए। इस नक्षत्र होने के कारण इस वर्ष धनतेरस अधिक फलदायक है। भूत चतुर्दशी शनिवार को दिन 01.13 बजे से होगा। प्रदोष काल में हनुमान जयंती मनाई जाएगी। काली पूजा के लिए श्मशान में पूजा कर चौदह दीप दान किए जाते हैं।
मगध की परंपरा के अनुसार, जब घर के लोग भोजन कर लेते हैं तो घर की सब से बड़ी महिला यम दीयरी निकालती है। पुराने दीया में कपड़े की बाती और सरसों या तील तेल डाल कर घर से बाहर द्वार के बाएं दक्षिण मुख उरद या उरद दाल पर दीया को रखा जाता है। शनिवार को मेष लग्न 03.40 बजे दिन से संध्या 05.19 बजे तक श्री हनुमान जी की जयंती मनाई जाएगी।
दीपावली की सुबह काल में हनुमान के दर्शन जरूर करने चाहिए। रविवार को विश्व प्रसिद्ध प्रकाशोत्सव महापर्व दीपावली मनाया जाएगा। अमावस्या के दिन 02.12 बजे से होने के कारण दीवाली इसी रात्रि में मनाई जाएगी। शेष रात्रि में पुराना सूप बजा कर दरित्र का निस्सारण एवं लक्ष्मी का पदार्पण कराया जाएगा।
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali 2023 Shubh Muhurat)
प्रथम: आचार्य लाल मोहन शास्त्री ने बताया कि वाणीज्यिक प्रतिष्ठान में यदि दिवस कालीन पूजा करना चाहते हैं तो स्थिर कुंभ लग्न दिन 12.45 बजे से दिन 02.16 बजे के मध्य अमावस्या को आने से पहले स्वागत में लक्ष्मी गणेश कुबेरादि की पूजा होगी। जिस प्रकार बसंत ऋतु आने से पहले माघशुक्ला श्री पंचमी में बसंत पंचमी मनाते हैं।
द्वितीय: सर्वोत्तम प्रदोष काल संध्या 05.13 से रात्रि 07.19 बजे के मध्य में श्री लक्ष्मी गणेश, कुबेर, थैला पर कुबेर, कलम दवात, बही खाता जैसे सामग्रियों की विधि विधान से पूजा कर दीप दान करें। चौबीस दीपकों को एक पात्र में सजा कर दीपमालिका बनाएं। उसकी पूजा कर यत्र तत्र रख देना चाहिए।तृतीय: सिंह लग्न रात्रि 11.51 बजे रात्रि से 02.04 बजे के मध्य इस में विशेष रूप से पूजा की जाती है।चतुर्थ : मां सिद्धेश्वरी काली पूजा मध्य रात्रि में होती है। इसे पहले तंत्र शास्त्र के अनुसार श्रीगुरु पाद पूजा 09.30 बजे करना श्रेष्ठ है। मध्य रात्रि 11.30 बजे से मां काली की पूजा प्रारम्भ होगी। अर्चना, हवन बलिदान करें। सभी कार्य तंत्र विधि के अनुसार ही किए जाएंगे।
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