जितिया पर्व पर पसरा मातम; औरंगाबाद में तालाब में डूबने से आठ बच्चों की मौत, परिजनों में मची चीख-पुकार
जितिया पर्व पर बिहार के औरंगाबाद जिले से दर्दनाक खबर आई। यहां दो गांवों में 8 बच्चों की तालाब और आहर में डूबने से मौत हो गई। जितिया पर्व के स्नान के दौरान यह घटना हुई। बच्चों की मौत से दोनों गांवों में कोहराम मच गया है। डीएम ने बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि खुशी का पर्व जितिया गम में बदल गया।
जागरण टीम, औरंगाबाद। औरंगाबाद के मदनपुर थाना के कुशहा गांव के आहर एवं बारुण थाना के इटहट गांव के दक्षिण स्थित तालाब में डूबने से आठ बच्चों की मौत हो गई। इनमें दो सगी बहनें भी थी। घटना उस समय हुई जब बच्चे अपनी मां के साथ जितिया पर्व को लेकर आहर एवं तालाब में स्नान करने गए थे। दो बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि बारुण थाना क्षेत्र के इटहट गांव में गौतम सिंह की 10 वर्षीय पुत्री निशा कुमारी, 11 वर्षीय अंकु कुमारी, गुड्डू सिंह की 12 वर्षीय पुत्र चुलबुल कुमारी एवं मनोरंजन सिंह की 10 वर्षीय पुत्री अंशिका कुमारी की मौत हुई है। अंशिका का शव तालाब से बाहर नहीं निकाला गया है।
ग्रामीणों ने धीरु सिंह की 16 वर्षीय पुत्री राशि कुमारी को तालाब से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। राशि भी तालाब में डूब रही थी। बच्चों का शव तालाब से जैसे ही शव बाहर निकाला गया तो उनके स्वजन रोने लगे। उत्साह का माहौल गम में बदल गया।
कुशहा गांव में भी पसरा मातम
उधर, मदनपुर थाना क्षेत्र कुशहा गांव से पूरब स्थित आहर में स्नान करने के दौरान डूबने से बुधवार को चार बच्चों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि वीरेंद्र यादव की 13 वर्षीय पुत्री सोनाली कुमारी, युगल किशोर यादव की 12 वर्षीय पुत्री नीलम कुमारी, उपेंद्र यादव के 10 वर्षीय पुत्र अंकज कुमार एवं सरोज यादव के 12 वर्षीय पुत्री राखी कुमारी की मौत हुई है। सभी अपनी मां के साथ आहर में स्नान करने गए थे कि डूबने से मौत हो गई।
रामजयपाल यादव की 16 वर्षीय पुत्री छोटी कुमारी को आहर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि बच्चों के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
एसडीओ की उपस्थिति में सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम हो रहा है। पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के स्वजनों को आपदा राहत से मुआवजा राशि दी जाएगी। डीएम ने बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि खुशी का पर्व जितिया गम में बदल गया।
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