वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के विरोध में उतरे औरंगाबाद के किसान, मुआवजा न मिलने पर भू-अधिग्रहण का कर रहे विरोध
वाराणसी से कोलकाता तक बनने वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए की जा रही जमीन मापी का बिहार में औरंगाबाद के किसान विरोध कर रहे हैं। औरंगाबाद के कई गांवों में जमीन की मापी करने पहुंचे एनएचएआई के अधिकारिओं और जिला प्रशासन के अमीन को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा जिसके कारण विरोध के कारण जमीन की मापी नहीं हो सकी।
By Manish KumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 09 Aug 2023 01:11 AM (IST)
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद: वाराणसी से कोलकाता तक बनने वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए की जा रही जमीन मापी का बिहार में औरंगाबाद के किसान विरोध कर रहे हैं।
औरंगाबाद के कई गांवों में जमीन की मापी करने पहुंचे एनएचएआई के अधिकारिओं और जिला प्रशासन के अमीन को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण विरोध के कारण जमीन की मापी नहीं हो सकी।किसान अपनी जमीन का उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं। बिना मुआवजा का भुगतान किए जमीन की मापी और उसके अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं।
क्या बोले किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष
बिहार किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि बरौली, पांडेय कर्मा और बरंडा के गांव में मापी करने का विरोध किसानों ने किया है। जिला भू-अर्जन कार्यालय के द्वारा बिना मुआवजा दर का निर्धारण किए जमीन की मापी की जा रही है। थ्रीडी का प्रकाशन किया जा रहा है। अवार्ड बनाया जा रहा है। किसान इसका विरोध कर रहे हैं।
किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष ने कहा कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को किसानों के बीच जाना चाहिए। जमीन की वास्तविक स्थिति को देखते हुए उसके मुआवजे की दर को निर्धारित किया जाना चाहिये।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने क्या कहा
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि इस जिले में अन्य जिले से बेहतर मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों की हर बात सुनी जा रही है। गांव में जाकर जमीन की स्थिति देखा जा रहा है।
किसानों को उचित मुआवजा मिले यह पूरा प्रयास है, लेकिन जिला स्तर से जितना क्षमता होगा उतना ही किया जाएगा। किसान आपत्ति दर्ज कराते हुए मुआवजा की राशि ले सकते हैं। मुआवजा राशि लेने के बाद भी उनकी आपत्ति सुनकर कार्रवाई की जाएगी।
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