KK Pathak सर इधर भी ध्यान दीजिए! यहां एक ही कमरे में पढ़ते हैं 8 कक्षाओं के छात्र, खुले आसमान के नीचे बनता है मिड डे मील
औरंगाबाद में एक ऐसा स्कूल मौजूद है जिसमें सिर्फ 1 ही कमरा है और उसी कमरे में कक्षा एक से आठ तक के छात्र पढ़ाई करते हैं। हमें मालूम है कि आपको यह बात थोड़ी अटपटी लग रही होगी लेकिन यही सच्चाई है। ओबरा प्रखंड में बने इस स्कूल की हालत बेहद खराब है। स्कूल में कुल 255 छात्रों का नामांकन है लेकिन आते सिर्फ 55 से 50 बच्चे हैं।
सुरेंद्र वैद्य, ओबरा (औरंगाबाद)। दान की चार डिसमिल जमीन पर 1974 में बना ओबरा प्रखंड का मध्य विद्यालय, हसनपुरा अजीब विसंगति झेल रहा है। मात्र दो कमरे में वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई एवं कार्यालय संचालन की मुश्किल देख दो ग्रामीण आगे आए और गत दिनों छह डिसमिल जमीन दान कर दी। फिर भी नए कमरों का निर्माण नहीं हो पा रहा।
कारण, सीओ द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देना बताया जा रहा है। अभी एक कमरे में वर्ग एक से आठ के बच्चों को पढ़ाया जाता है। नामांकन 255 हैं, परंतु स्थान के अभाव में नियमित मात्र 55 से 60 बच्चे आते हैं। एक ही कमरे में पढ़ाई के समय कुछ बच्चे पश्चिम तो कुछ पूर्व दिशा की ओर मुंह कर बैठते हैं। कई शिक्षक एक साथ कमरे में पढ़ाते हैं।
बच्चे कम और शिक्षक ज्यादा
बच्चों की उपस्थिति घटती जा रही है, उस पर शिक्षक बढ़ते जा रहे हैं। पहले पांच थे, अब बीपीएससी से नियुक्त चार अन्य शिक्षकों ने योगदान दे दिया है। प्रधानाध्यापक नवल किशोर सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों में अधिक परेशानी होती है। किचेन शेड के अभाव में मध्याह्न भोजन बाहर खुले में बनता है।
उन्होंने बताया कि वर्ग एक में 16, दो में 33, तीन में 30, चार में 40, पांच में 30, छह में 43, सात में 29 एवं आठ में 34 बच्चे नामांकित हैं। स्थान के अभाव में बच्चों के अभिभावकों पर दबाव नहीं बना पाते हैं। आखिर सब आएंगे तो उन्हें कहां बैठाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय भवन बनाने के लिए छह डिसमिल जमीन गांव के देव कुमार सिंह एवं कामता सिंह ने रजिस्ट्री की है। .
अगर भूमि राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री है, तो 24 घंटे के अंदर विद्यालय बनाने के लिए एनओसी देंगे। हमसे इस संबंध में किसी ने कोई संपर्क नहीं किया है। - अरुण कुमार सिंह, अंचलाधिकारी, ओबरा
मध्य विद्यालय, हसनपुरा परिसर में भवन बनाने के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सीओ ने अब तक एनओसी क्यों नहीं दिया, इसे देखा जाएगा। छात्र-छात्राओं को भवन उपलब्ध कराना शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी है। - दीपक कुमार, डीपीओ सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, ओबरा
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