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Bihar News: सावधान! घरों से लापता हो रहीं बेटियां, पुलिस को भी नहीं लग रहा सुराग

औरंगाबाद में लापता हो रहे युवतियों और नाबालिगों का सुराग पुलिस को नहीं मिल रहा है। पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज करके लापता लड़कियों को खोजने और बरामद करने में लगी है लेकिन उन्हें ढूंढ़ने में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं। नाबालिग के लापता होने के बारे में पुलिस के सोशल मीडिया पेज पर सूचना देने के लिए पूरा विवरण जारी किया है।

By Manish Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 29 Aug 2024 04:33 PM (IST)
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औरंगाबाद जिले में सुरक्षित नहीं बच्चियां। (सांकेतिक फोटो)

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। घर से लापता हो रहे युवतियों और नाबालिगों का सुराग पुलिस को नहीं मिल रहा है। पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर लापता लड़कियों को खोजने और बरामद करने में लगी है।

कासमा थाना क्षेत्र के बेला गांव से तीन अगस्त को लापता अल्पसंख्यक वर्ग की नाबालिग का सुराग पुलिस को नहीं मिल पाया है।

पुलिस नाबालिग के लापता के बारे में जिला पुलिस के इंटरनेट मीडिया पेज पर सूचना देने के लिए पूरा विवरण जारी किया है।

टंडवा में युवती तीन दिन से लापता

पुलिस के अनुसार नाबालिग के लापता मामले में स्वजनों के द्वारा अपहरण करने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। टंडवा थाना क्षेत्र के बेला टंडवा गांव की युवती का लापता हुए तीन दिन हो गया है, पर अबतक पुलिस को पता नहीं चला है।

युवती के स्वजनों ने गांव के ही युवक कलेंद्र कुमार समेत उनके स्वजनों के खिलाफ 27 अगस्त को प्राथमिकी कराया है।

रफीगंज में 24 अगस्त से लापता है नाबालिग

रफीगंज थाना क्षेत्र के कौआखाप गांव से 23 अगस्त से लापता नाबालिग और बारुण थाना क्षेत्र के हवसपुर गांव से 24 अगस्त को लापता नाबालिग का अबतक पता नहीं चला है। नाबालिग के स्वजनों ने थाना में प्राथमिकी कराया है।

देव थाना क्षेत्र में महिला लापता

देव थाना क्षेत्र के लिलजी गांव से लापता महिला का सुराग पुलिस को नहीं मिला है। महिला के पति ने पत्नी के अपहरण करने के मामले में 24 अगस्त को देव थाना में प्राथमिकी कराया है।

क्यों गायब हो रहीं नाबालिग और युवतियां

पुलिस के अनुसार, नाबालिग और युवतियों के लापता होने का मामला प्रेम-प्रसंग का होता है। नाबालिग के मामले में पाक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी कराई जाती है, जिससे आरोपित युवक को जेल भेजा जाता है।

18 वर्ष से ऊपर उम्र के युवतियों के अधिकांश मामले में युवती अपने प्रेमी के साथ चले जाते हैं। अपहरण का मामला झूठा निकल जाता है। पुलिस की परेशानी बढ़ जाती है।

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