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आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे, रात में सड़क पर गश्ती की जगह आराम फरमाती है बिहार के इस थाने की पुलिस

Aurangabad News बिहार में अचानक से रात में अपराधों की संख्या में इजाफा हो रहा है। दैनिक जागरण के रात का रिपोर्टर अभियान के तहत शनिवार की रात नबीनगर का जायजा लिया गया तो पाया की दूर-दूर तक पुलिस नहीं थी। अपराध के मामले में नबीनगर नंबर-1 है। ऐसे में आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

By SATYA PRAKASHEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 26 Nov 2023 04:13 PM (IST)
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आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे, रात में सड़क पर गश्ती की जगह आराम फरमाती है पुलिस
संवाद सूत्र, नबीनगर (औरंगाबाद)। जिले के नबीनगर में आमजन की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। रात में पुलिस की गश्ती वाहन थाना से बाहर नहीं निकलती है। यहीं कारण है कि यहां अपराध बढ़ रहा है और अपराधी किसी कांड को अंजाम दे फरार हो जाते हैं। अपराध के मामले में नबीनगर नंबर-1 है।

यहां शहर में हत्या की घटनाएं घट चुकी है। दैनिक जागरण के रात का रिपोर्टर अभियान के तहत शनिवार की रात जायजा लिया गया। शहर में कहीं पुलिस की गश्ती नहीं दिखी। सड़क एवं मोहल्लों में पुलिस की गश्ती नहीं होती है जिस कारण शहर में अपराध बढ़े हैं। आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है।

समय : रात 10.17 बजे, स्थान : बस स्टैंड

नबीनगर शहर स्थित बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क पर सन्नाटा था। स्ट्रीट लाइट लगा है परंतु कुछ लाइट नहीं जल रहा था। रोशनी की कमी नहीं थी परंतु पुलिस की गश्ती वाहन कहीं नहीं दिखाई पड़ा। सभी दुकानें बंद थी। एक-दो छोटे वाहन इस दौरान इस रास्ते से जा रहे थे।

समय : 10.28 बजे, स्थान : जनकपुर पोखरा

नबीनगर नगर पंचायत के वार्ड संख्या चार जनकपुर पोखरा के पास सन्नाटा था। आसपास न तो पुलिस थी और न ही कोई नागरिक। इस मोहल्ले के लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। पुलिस गश्ती नहीं दिखी जो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

समय : 10.32 बजे, स्थान : मंगल बाजार

जनकपुर पोखरा के बाद नबीनगर शहर का हृदय स्थली कहे जाने वाला मंगल बाजार चौक पहुंचा। यहां सन्नाटा पसरा था। यहां भी पुलिसिया वाहन नहीं दिखा। मंगल बाजार चौक पर कोई नहीं था। दुकानें बंद थी। सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी।

समय : 10.32 बजे, स्थान : थाना मोड़

नबीनगर-अंबा मुख्य पथ से थाना जाने वाली थाना मोड़ पर सन्नाटा था। यहां भी पुलिस गश्ती नहीं थी। अब सोचा जा सकता है कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था कैसे हो रही है। अपराधियों पर लगाम कैसे लग पाएगा। यहां पदस्थापित पुलिसकर्मी गश्ती की जगह थाना में आराम फरमाते हैं।

सप्ताह में तीन दिन विशेष छापेमारी अभियान चलता है। शनिवार की रात पूरी टीम विशेष छापेमारी अभियान में थी जिस कारण सड़कों पर गश्ती वाहन नहीं थी। नबीनगर शहर के नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान है। रात में गश्ती वाहन निकलती है। - मनोज कुमार पांडेय, थानाध्यक्ष नबीनगर, औरंगाबाद।

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