जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं लोग
औरंगाबाद। जिले में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डाल यात्रा कर रहे हैं। बस या अन्य वाहनों की छत पर बैठकर बगैर चिता के यात्रा करते हैं। यह यात्रा पूरी तरह जोखिम भरा है। ओवरलोड के कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
औरंगाबाद। जिले में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डाल यात्रा कर रहे हैं। बस या अन्य वाहनों की छत पर बैठकर बगैर चिता के यात्रा करते हैं। यह यात्रा पूरी तरह जोखिम भरा है। ओवरलोड के कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। खासकर लगन के इस समय में लोग बस, पिकअप समेत अन्य वाहनों में क्षमता से अधिक बैठकर यात्रा कर रहे हैं। दुर्घटनाएं लगातार हो रही है परंतु लोग संभल नहीं रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि संबंधित विभागों के द्वारा जगह-जगह वाहन जांच किया जाता है परंतु इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। नियम का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक यह स्थिति देखा जा सकता है। अगर प्रशासन सख्त हो जाए तो यह समस्या समाप्त हो जाएगी। वर्तमान में शाम के समय सड़कों पर बस एवं अन्य वाहनों के छत पर बैठकर यात्रा करते यात्री दिखाई दे देंगे। प्रतिदिन दुर्घटना में एक-दो की मौत हो रही है। बाइक पर दो से अधिक यात्री सवार रहते हैं जिस कारण दुर्घटना एवं मौत होती है। शादी के इस मौसम में ओवरलोड के कारण दुर्घटनाएं अधिक हो रही है। शहर के रमेश चौक से ओवरलोड वाहन गुजरते हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं होती है।
जिला परिवहन पदाधिकारी बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि ओवरलोड को लेकर लगातार कार्रवाई हो रही है। बस के छतों पर बैठने की कुछ लोगों की आदत हो गई है। लग्न के मौसम में भीड़ अधिक रहती है जिस कारण लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं परंतु इससे बचना चाहिए।