Rahul Gandhi राजनीति जैसे राहुल गांधी को प्रतीक्षा करा रही गुरुवार को कुछ वैसे ही उन्होंने कांग्रेस-जनों को अपनी प्रतीक्षा कराई। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 33वें दिन वे जिस इलाके में पहुंचे हैं। वह बिहार में कांग्रेस के लिए संभावना का दूसरा परिक्षेत्र है। यहां मोदी लहर में कांग्रेस के पांव जरूर उखड़े लेकिन अब तक के 19 संसदीय चुनावों में वह लगभग आधी बार सफल रही है।
विकाश चन्द्र पाण्डेय, औरंगाबाद। राजनीति जैसे राहुल गांधी को प्रतीक्षा करा रही, गुरुवार को कुछ वैसे ही उन्होंने कांग्रेस-जनों को अपनी प्रतीक्षा कराई। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 33वें दिन वे जिस इलाके (औरंगाबाद, रोहतास व कैमूर) में पहुंचे हैं।
वह बिहार में कांग्रेस के लिए संभावना का दूसरा परिक्षेत्र है। यहां मोदी लहर में कांग्रेस के पांव जरूर उखड़े, लेकिन अब तक के 19 संसदीय चुनावों में वह लगभग आधी बार सफल रही है। उसके वर्तमान 19 में से चार विधायक भी इसी परिक्षेत्र से हैं।
वही पुरानी बातें
अपनी यात्रा में राहुल इस उपलब्धि को संभालते हुए संभावनाओं को विस्तार देने का भरसक प्रयास कर रहे। हालांकि, औरंगाबाद में वे महंगाई, बेरोजगारी, मिलीभगत और जातिगत जनगणना की अपनी पुरानी बातों को ही दोहराते रहे। अलबत्ता इन बातों को रोचक बनाने के लिए उन्होंने कुछेक नए तथ्य जोड़े, लेकिन किस्सागोई वाले अंदाज में वे बार-बार लटपटाते रहे।
तो इसलिए हुई रैली में पहुंचने में देरी
औरंगाबाद के गांधी मैदान में जनसभा से राहुल ने बिहार में न्याय यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की। विमान में तकनीकी खराबी के साथ कुछ मौसम ने भी दगाबाजी की। वस्तुत: राहुल को पहुंचने में इसी कारण देरी हुई। इसके लिए उन्होंने क्षमायाचना भी की।लगभग तीन घंटे की देरी से वे पहुंचे, तब तक दूरदराज से आए कुछ लोग निराश होकर लौट भी चुके थे। उन्हीं में से एक शादाब अली झुंझलाते हुए कहे जा रहे कि नेता कभी समय से नहीं आता।
मोहम्मद रजा हामी भरते हैं, लेकिन इस इसरार के साथ कि राहुल अब सयाने हो रहे हैं और राजनीति भी उन्हें स्वीकार करने लगी है। इस समझदारी का राहुल ने मंच से कुछ परिचय भी दिया।
साक्षात्कार शैली में शुरू किया भाषण
चूंकि उनसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विरोधियों को भला-बुरा सुना चुके थे, लिहाजा राहुल ने उपस्थित जनसमूह से साक्षात्कार की शैली में अपनी बातें शुरू कीं। सीमांचल की उनकी शैली से औरंगाबाद में भाषण का अंदाज कुछ अलग रहा। बीच-बीच में श्रोताओं की प्रतिक्रिया बताती-जताती रही कि वे उनसे संवाद का प्रयास कर रहे।
न्याय यात्रा के पहले चरण में 29 से 31 जनवरी तक राहुल ने सीमांचल का भ्रमण किया था। किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिला को मिलाकर जिस सीमांचल की परिकल्पना है, वह कांग्रेस के लिए शाहाबाद की तरह ही बिहार में दूसरा उर्वर परिक्षेत्र माना जाता है।रोहतास और कैमूर जिला धान की फसल के लिए मशहूर शाहाबाद के अंश हैं। इसके सासाराम संसदीय क्षेत्र से लगातार आठ जीत दर्ज कराने का रिकार्ड बाबू जगजीवन राम के नाम है। दो जीत उनकी पुत्री मीरा कुमार को भी मिल चुकी है।
बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह की जन्मभूमि औरंगाबाद को बिहार में चित्तौड़गढ़ की संज्ञा दी जाती है। उनकी तीसरी पीढ़ी तक यहां से संसद तक पहुंच चुकी है। इस परिक्षेत्र की राजनीति में इन दोनों परिवारों का आज भी रसूख है।हमउम्र रवि और गौतम के साथ नवयुवा अंकित यादव की यह बात कितनी सही है, यह अगले चुनाव से ही पता चलेगा। पिछले दो संसदीय चुनाव में तो कांग्रेस अपनी इस जमीन पर फिसली ही है।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान के शिक्षक दिवाकर प्रवीण कहते हैं कि ईवीएम के साथ वीवीपैट को अनिवार्य कर फिसलन की इस सच्चाई को समझ जाइए। और हां, मतदान के बाद हाथ में लगाई जाने वाली रोशनाई भी माह भीतर मिटने वाली नहीं हो। यह कहते हुए वे अपने पैरों में सना कीचड़ दिखा रहे। बुधवार रात की वर्षा से गांधी मैदान में जहां-तहां कीचड़ और फिसलन की स्थिति थी। उसके बावजूद मैदान ठसाठस भरा हुआ था।
राहुल ने क्या-क्या कहा?
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़े-बड़े उद्योगपति व राजनीतिज्ञ थे, लेकिन गरीब-मजबूर, किसान-मजदूर वर्ग का कोई चेहरा नहीं।श्वेत क्रांति, हरित क्रांति, कंप्यूटरीकरण और बैंकों के राष्ट्रीयकरण की तरह जातिगत जनगणना भी क्रांतिकारी पहल होगी। यह सामाजिक-आर्थिक न्याय का अगला कदम होगा। इससे जातियों के साथ सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा।
मनरेगा पर प्रतिवर्ष 70 हजार करोड़ के खर्च को केंद्र सरकार अधिक बता रही, जबकि उद्योगपतियों के 14 लाख करोड़ रुपये की ऋण माफी से उसे संकोच नहीं होता।किसी चीज के लिए उतना ही जीएसटी गरीब भी दे रहा, जितना अडानी-अंबानी दे रहे। नरेन्द्र मोदी देश की दो प्रतिशत अति-धनाढ्य जनसंख्या के लिए काम कर रहे। भारत कभी सोने की चिड़िया था, आज भी है, लेकिन अडानी के लिए।
यह भी पढ़ें: लव, लिव इन और धोखा: शादी में दोस्ती, फिर प्यार का इकरार... दो साल तक बनाता रहा यौन संबंध; वादा निभाने की बारी आई तो...
Bihar Crime News: भागलपुर में शादी का झांसा देकर विधवा से दुष्कर्म, जब थाने पहुंची महिला तो...
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।