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बिहार Basic Exam में शामिल हुईं 12 हजार नवसाक्षर महिलाएं, साक्षरता अभियान के तहत परीक्षा;महिलाओं ने कही ये बात

Bihar Basic Exam 2023 बिहार के बांका में रविवार को शिक्षा विभाग ने नवसाक्षर महिलाओं की बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित की। इसमें 13 हजार 900 नवसाक्षर महिलाओं को शामिल होना था। लेकिन महज 12 हजार नवसाक्षर महिलाएं ही इसमें शामिल हुईं। इस परीक्षा में 7 हजार महादलित 3 हजार दलित और 17 सौ अल्पसंख्यक महिलाओं को शामिल करने का लक्ष्य था।

By Rahul KumarEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 02:45 PM (IST)
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Basic Exam में शामिल हुईं 12 हजार नवसाक्षर महिलाएं
जागरण संवाददाता, बांका Bihar Basic Exam 2023: शिक्षा विभाग ने नवसाक्षर महिलाओं की बुनियादी साक्षरता परीक्षा (Basic Exam) रविवार को सभी 152 संकुल केंद्रों पर आयोजित की। इसमें 13 हजार 900 नवसाक्षर महिलाओं को शामिल होना था। लेकिन 12 हजार नवसाक्षरों के ही इसमें शामिल होने का डाटा प्रस्तुत किया गया। हालांकि परीक्षा वाले अधिकांश केंद्रों पर इसकी औपचारिकता ही पूरी होती दिखी।

परीक्षा लेने वालों ने किसी तरह नवसाक्षरों को बुलाकर फोटो बनाया। कुछ की कॉपी में उसके साथ आए बच्चे ही जवाब लिखते दिखे। साक्षरता अभियान (Literacy Campaign) ने इस परीक्षा में सात हजार महादलित, तीन हजार दलित और 17 सौ अल्पसंख्यक महिलाओं को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।

परीक्षा Basic exam) को लेकर सभी प्रखंड में डीपीओ और बीईओ की तैनाती की गई थी। डीपीओ साक्षरता मणिकांत गुप्ता ने बताया कि सभी नवसाक्षर महिलाओं की परीक्षा होनी थी। 12 हजार से अधिक नवसाक्षर ने इसमें हिस्सा लिया है। परीक्षा हर जगह शांतिपूर्ण रही है। बेलहर प्रखंड में सबसे अधिक दो हजार से अधिक महिलाओं ने परीक्षा दी।

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साक्षरता परीक्षा में शामिल हुईं 110 महिलाएं

शहर के सीआरसी समीप आदर्श मध्य विद्यालय में नवसाक्षर महिलाओं ने साक्षरता परीक्षा में शामिल हुईं। परीक्षा संचालन में संकुल समन्वयक सह प्रधानाध्यापक सीएनडी उच्च विद्यालय अरविंद कुमार सिंह, केंद्र अधीक्षक मु. शमीम अख्तर, टोला सेवक बबलू रजक थे। नगर क्षेत्र के दलिया, सिरायं, ब्रम्हपुर, पनियां गांव की 110 नव साक्षर महिलाएं साक्षरता की परीक्षा में शामिल हुईं।

साक्षरता की पढ़ाई से ही अंगूठा निशान देने का अभिशाप खत्म

पिछले छह माह से गांव की महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। परीक्षा देकर बाहर निकली कुसुम देवी और रूपा देवी ने कहा साक्षरता की पढ़ाई करके ही हम लोगों के अंगूठा निशान देने का अभिशाप खत्म हुआ है।

किसी कार्य के लिए अंगूठा का निशान देना एक अभिशाप सा लग रहा था। सोनी देवी, किरण देवी और आरती देवी काफी खुश नजर आ रही थीं।

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