Bihar Agriculture : इस खेती से किसान हो जाएंगे समृद्ध, सरकार भी कर रही सपोर्ट; पढ़ें डिटेल
मोटे अनाज की खेती से किसान आत्मनिर्भर होंगे। इसके साथ-साथ उर्वरा शक्ति भी जमीन की बढ़ेगी। खाद्य सुरक्षा के तहत मोटे अनाज की खेती से खाद्य एवं पोषण भी सुनिश्चित होगा। साथ ही क्षेत्र में विविधता पूर्ण खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। सबसे खास यह की मोटे अनाज की खेती में जहरीली कीटनाशक वह उर्वरकों के प्रयोग में काफी कमी आएगी।
संवाद सूत्र, जयपुर (बांका)। पौष्टिक तत्वों से भरपूर मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, कोदो, महुआ, रागी, मक्का की खेती पर बल दिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा के तहत मोटे अनाज की खेती से खाद्य एवं पोषण भी सुनिश्चित होगा। साथ ही क्षेत्र में विविधता पूर्ण खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
सबसे खास यह की मोटे अनाज की खेती में जहरीली कीटनाशक वह उर्वरकों के प्रयोग में काफी कमी आएगी। जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। ठीक इसके विपरीत मोटे अनाज के बदले चीकने अनाज के उपज में अत्यधिक भूगर्भ जल का दोहन के साथ ऊर्जा की काफी खपत होती है।
साथ ही रासायनिक खाद, जहरीले कीटनाशक दवा के बड़े पैमाने पर प्रयोग होने से उपजाऊ जमीन बंजर होने के साथ-साथ मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विभिन्न प्रकार के बीमारियों से ग्रसित लोगों को अब मोटे अनाज की कीमत समझ आने लगी है।