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    Bihar Chunav 2025: चुनावी शोर से अलग अज्ञातवास में चले गए हैं चार दिग्गज, किसे होगा नुकसान?

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 03:49 PM (IST)

    बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है, लेकिन इस चुनाव में कुछ पुराने और दिग्गज नेता टिकट न मिलने के बाद पूरी तरह सियासी शोर से दूर हैं। बेटिकट हुए चार दिग्गज गायब हैं।। उनके इस 'अज्ञातवास' ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। देखना होगा कि उनकी अनुपस्थिति से बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा और किसे नुकसान होगा।

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    चार दिग्गज बिहार चुनाव से गायब

    बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। जिले में दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को मतदान होना है। उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वैसे इस चुनाव में कुछ पुराने और दिग्गज नेता टिकट न मिलने के बाद पूरी तरह सियासी शोर से दूर हैं। बेटिकट हुए चार दिग्गज अज्ञातवास में चले गए हैं।

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    इनमें तीन बार विधायक व एक बार सांसद रह चुके धोरैया के वर्तमान राजद विधायक भूदेव चौधरी, दो बार मंत्री रहे डा. जावेद इकबाल अंसारी, कटोरिया की भाजपा विधायक डा. निक्की हेंब्रम और बेलहर के पूर्व राजद विधायक रामदेव यादव शामिल हैं। राजद नेतृत्व ने इस बार धोरैया सीट से भूदेव चौधरी का टिकट काटकर नए चेहरे (त्रिभुवन दास) पर दांव लगाया है।

    भूदेव चौधरी का कहना है कि उन्हें पार्टी ने नामांकन की जानकारी तक नहीं दी, इसी कारण उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। इस नाराजगी का असर स्थानीय कार्यकर्ताओं पर भी दिख रहा है। उनके कई समर्थकों में नयन सिंह नटवर और प्रो. उमाशंकर सिंह सहित कई ने राजद छोड़कर जदयू का समर्थन करने की घोषणा कर दी है।

    इसी तरह बांका सीट पर भी सियासी समीकरण बदले हैं। परंपरागत रूप से यहां राजद और भाजपा के बीच मुकाबला होता रहा है। कभी डा. जावेद अंसारी तो कभी रामनारायण मंडल जीत दर्ज करते रहे हैं। हालांकि, इस बार महागठबंधन ने यह सीट राजद से लेकर भाकपा के कोटे में दे दी है।

    टिकट कटने से नाराज डा. जावेद भी चुनाव से दूर हैं। उनका कहना है कि वे आराम कर रहे हैं। नामांकन तक में पार्टी ने नहीं बुलाया है। बेलहर सीट पर भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। पिछले चुनाव में पराजित पूर्व विधायक रामदेव यादव को राजद ने दरकिनार कर जदयू सांसद गिरिधारी यादव के पुत्र चाणक्य प्रकाश रंजन को उम्मीदवार बनाया है।

    इस बदलाव से रामदेव यादव भी सियासी गतिविधियों से किनारा किए हुए हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित कटोरिया सीट से भाजपा ने विधायक डा. निक्की हेंब्रम का टिकट काटकर पुरनलाल टुडू को उम्मीदवार बनाया है, जो नया चेहरा हैं।

    यहां भी निक्की हेंब्रम ने प्रचार से दूरी बना रखी है। इन अनुभवी नेताओं की अनदेखी से कुछ कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।