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बिहार में 75% अटेंडेंस वाले बच्चों को मिलता है योजनाओं का लाभ, 30 हजार छात्रों का नाम कटने से बची भुगतान की राशि

बिहार में 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले स्कूली छात्रों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलता है। बच्चों को स्कूल ड्रेस किताबें और स्कॉलरशिप का लाभ दिया जाता है। हालांकि इस बार 30 हजार छात्रों का नाम स्कूल से काट दिया गया है। क्योंकि वो बिना बताए स्कूल से गायब थे। ऐसे में इन छात्रों को भुगतान की जाने वाली राशि अब बच गई है।

By Rahul KumarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 21 Oct 2023 08:45 PM (IST)
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बिहार में 75% अटेंडेंस वाले बच्चों को मिलता है योजनाओं का लाभ

जागरण संवाददाता, बांका। सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों को विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ मिलता है। पोशाक, पुस्तक, छात्रवृति से लेकर साइकिल तक की राशि हर शैक्षणिक सत्र में स्कूल आने वाले बच्चों को दी जाती है। इससे गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाई में सहायता मिलती है।

सरकार कक्षा में 75 प्रतिशत तक उपस्थिति वाले बच्चों को इसका लाभ देती है। कई बार बिना उपस्थिति जांचें भी इस राशि का भुगतान बच्चों के बैंक खातों में किया गया है। इसमें दस हजार से अधिक बच्चों ने बिना स्कूल आए ही 40 से पचास लाख रुपये की छात्रवृति से लेकर पोशाक की राशि का लाभ ले लिया है। वैसे, विभागीय अधिकारी ने कहा कि अभी तक इस मामले में सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई का आदेश नहीं आया है।

KK Pathak के निर्देश पर कटे 30 हजार छात्रों के नाम

ज्ञात हो कि शिक्षा विभाग के अभियान में विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नियमित विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों को स्कूल से ही बाहर कर दिया है। अब तक इस साल विभिन्न कक्षाओं में 30 हजार बच्चों का नाम कट चुका है। इसमें पहली से आठवीं तक की कक्षा के बच्चों की संख्या 24 हजार के करीब है।

शैक्षणिक सत्र 22-23 की इस राशि का भुगतान कुछ महीने पहले किया गया है। मौजूदा शैक्षणिक सत्र 23-24 इस राशि का भुगतान करने के लिए विद्यालयों से 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों की सूची मांगी गई है। इस सूची से 30 हजार बच्चों का नाम पहले ही बाहर हो चुका है।

स्कूल से निकाले गए बच्चों को नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

विद्यालयों के लगातार निरीक्षण से बच्चों की फर्जी उपस्थिति बननी भी मुश्किल हो गई है। नतीजा, बड़ी संख्या में बच्चे इस बार स्कूल की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो जाएंगे। साथ ही बड़ी संख्या में छद्म उपस्थिति से सरकारी राशि हड़प की योजना पर भी लगाम लगेगा।

विद्यालय में नामांकित बच्चों को 75 प्रतिशत उपस्थिति के बाद ही किसी सरकारी योजना का लाभ दिया जाता है। इस वित्तीय वर्ष के लिए भी ऐसे बच्चों की सूची मांगी गई है। अभी राशि का भुगतान नहीं हुआ है। विद्यालयों के लगातार निरीक्षण से अब गलत उपस्थिति की कोई संभावना ही नहीं है। - पवन कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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