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Chhath Puja 2024: बांका में दिखेगी छठ महापर्व की अनुपम छटा, 850 सूप के साथ अर्घ्य देंगी इंदु व बिंदु देवी

मंगलवार को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। बिहार के बांका में छठ महापर्व के दौरान लगभग 30 वर्षों से एक ही घर में सैकड़ों लोगों की छठ पूजा की जाती है. इस बार भी यहां पर इंदु व बिंदु देवी 850 सूप सजाकर छठ पूजा करेंगी. इस दौरान 50 लीटर दूध से बनेगा खरना का प्रसाद और लगभग एक क्विंटल सामग्री से ठेकुआ बनाया जाएगा.

By Shekhar Kumar Singh Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 05 Nov 2024 09:14 AM (IST)
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छठ पूजा के लिए सूप तैयार करती हुईं इंदु देवी
शेखर सिंह, बौंसी (बांका)। जिले के बौंसी प्रखंड में मिश्राचक गांव स्थित सूर्याश्रम भवन वर्षों से आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस घर में पिछले 30 वर्षों से सैकड़ों घरों की छठ पूजा होती है। इसी से प्रभावित होकर इसका नाम सूर्याश्रम रख दिया गया।

इस घर की दो व्रतियां, जो रिश्ते में सास-बहू लगती हैं परिवार के सहयोग से भगवान भास्कर की पूजा के लिए 850 सूप प्रसाद सजाती हैं। स्व. इंद्र मोहन मिश्रा की पत्नी इंदु देवी (70 वर्ष) 400 एवं राज किशोर मिश्रा की पत्नी बिंदु देवी (46 वर्ष) 450 सूप सजाकर छठ के पावन पर्व पर व्रत रखती हैं.

दोनों एक ही गोतिया में हैं। व्रतियों ने बताया कि इनके घर में पांच पीढ़ी पूर्व दिवंगत युगल मिश्र के समय से ही छठ महापर्व धूमधाम से मनाने की शुरुआत हुई। वर्तमान में पांचवीं पीढ़ी के राजीव मिश्रा, संजीव मिश्रा एवं राजकिशोर मिश्रा द्वारा यह पर्व मनाया जा रहा है।

इंदु देवी ने बताया कि 30 साल से अधिक समय से छठ पूजा नेम-निष्ठा पूर्वक वह कर रही हैं। पहले उनकी सास पार्वती देवी छठ करती थीं। सास के निधन के बाद वह करती हैं। इस बार वह पांच निजी सहित 400 सूप, सुपती एवं डाला का पूजन करेंगी।

बिंदु देवी ने बताया कि पहले उनकी सास भवानी देवी छठ करती थीं। वह पिछले 20 साल से पर्व कर रही हैं। इस बार सात निजी सहित 450 सूप प्रसाद सजाकर वे अर्घ्य देंगी। परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों व ग्रामीणों के सूप पूजा के लिए रखे जाते हैं। मुंबई, दिल्ली, गोड्डा, हैदराबाद, पटना, देवघर सहित अन्य शहरों से यजमान छठ में सूप करने के लिए पैसे भेजते हैं।

छठ पूजा के दिन बिहार के अलावा झारखंड के दूर-दराज से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। छठ का अर्घ्य घर में ही दिया जाता है। छठ पूजा में दो दिनों तक घर में सूर्य पुराण का पाठ किया जाता है।

मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु यहां छठ मनाने पहुंचते हैं। एक क्विंटल सामग्री से छठ प्रसाद के लिए ठेकुआ बनाया जाएगा। पचास किलो दूध से खरना का प्रसाद बनेगा। पूजा में परिवार व गांव के लोग भी सहयोग करते हैं.

छठ पर्व की हुई शुरुआत

मंगलवार को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। पहले दिन व्रती सूर्यदेव को अर्घ्य देकर इस व्रत की शुरुआत करते हैं. दूसरा दिन खरना का होता है, जिसमें पूरे दिन उपवास के बाद व्रती शाम को भोजन करते हैं. तीसरे दिन गुरुवार को 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा. गुरुवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा । वहीं शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन होगा।

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