Bihar News: आश्वासनों के टॉनिक पर जिंदा है बांका का चांदन डैम, CM नीतीश के आदेश पर भी आगे नहीं बढ़ी ये अहम फाइल
हर चुनावों में जनहित के मुद्दे उठाए जाते हैं। इसमें सिंचाई बिजली सड़क सहित कई जनहित के मुद्दे हैं। चुनाव संपन्न होते ही ऐसे मुद्दे भूला दिए जाते हैं जिससे जनता की मांगें अनसुनी रह जाती है। लोकसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में कृषि प्रधान जिला बांका के किसानों के लिए सिंचाई बड़ी समस्या है। बौंसी प्रखंड में स्थापित चांदन के साथ आधा दर्जन डैमों की स्थिति ठीक नहीं है।
बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। कृषि प्रधान जिला बांका के किसानों के लिए सिंचाई बड़ी समस्या है। बौंसी प्रखंड में स्थापित चांदन के साथ आधा दर्जन डैमों की स्थिति ठीक नहीं है। मुख्य रुप से वर्षो से गाद की उड़ाही नहीं होने से ये डैम सिंचाई के लायक नहीं हैं।
कई बार गाद उड़ाही कराने का आश्वासन किसानों को मिला है। इसके बाद भी यह आश्वासन बेअसर हो रहा है। किसानों ने कहा कि अगर सभी डैमों के गाद की उड़ाही कर दी जाए तो लाखों हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।
सीएम नीतीश ने दिया था आदेश लेकिन...
बात 19 जनवरी 2018 की है। बांका आगमन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चांदन डैम के गाद उड़ाही का आदेश दिया था। पर वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं देने से मामला अधर में लटक गया है।पिछले साल भी सीएम के बांका आगमन पर स्थानीय सभी जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को रखा था। इसके बाद सौ करोड़ की योजना बनी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी है।
इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी कुमार रंजन ने कहा कि वन पर्यावरण व जल संसाधन विभाग ने गाद उड़ाही की योजना बनाई है। चुनाव के बाद वन विभाग से एनओसी लेकर काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
महज 10 फीट पानी के सहारे जिंदा है चांदन डैम
जानकारी के अनुसार, गाद उड़ाही नहीं होने से बौंसी प्रखंड स्थित चांदन डैम सूखने के कगार पर है। डैम में फिलहाल मात्र 435 फीट ही पानी बचा हुआ है, जबकि डैम का डेड जलस्तर 425 फीट है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्थिति यह है कि डैम में सिंचाई के लिए मात्र 10 फीट ही पानी बचा हुआ है। एक दिन भी सिंचाई के लायक पानी नहीं है। अब डैम में पानी के लिए चार महीने बाद जुलाई एवं अगस्त महीने तक वर्षा का इंतजार करना पड़ेगा।कम वर्षा होने के कारण पिछले दो सालों से डैम में पानी स्पील नहीं हो सका है। किसान रुपेश चौधरी ने कहा कि गाद भर जाने से डैम में पानी नहीं रहता है।
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