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Bihar Fake Teacher: सरकारी टीचर बन 27 साल से सैलरी उठा रहा था फर्जी 'मनोज', KYC वेरिफिकेशन ने खोल दिया भेद

Banka Fake Teacher शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। टीईटी-एसटीईटी और इसके पहले के लिए नियोजन में फर्जीवाड़ा का मामला पहले से सामने आ रहा है। अब ताजा मामला बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से शिक्षक बहाली का है। एक व्यक्ति के 27 वर्षों से फर्जी तरीके से नौकरी कर वेतन उठाने का मामला सामने आया है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 05 Oct 2023 07:30 AM (IST)
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इंस्पेक्टर मनोज की जगह शिक्षक बन 27 साल से उठा रहा था वेतन।

संवाद सूत्र, पंजवारा (बांका)। शिक्षक बहाली (Teacher Rectuitment) में फर्जीवाड़ा का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। टीईटी-एसटीईटी (TET-STET) और इसके पहले के लिए नियोजन में फर्जीवाड़ा का मामला पहले से सामने आ रहा है। अब ताजा मामला बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से शिक्षक बहाली (Teacher Rectuitment) का है। एक व्यक्ति के 27 वर्षों से फर्जी तरीके से नौकरी कर वेतन उठाने का मामला सामने आया है।

बांका के बाराहाट प्रखंड में स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय नगरीजानुकित्ता में एक फर्जी शिक्षक 27 साल से पूरे विभाग को बेवकूफ बना रहा था। भारतीय स्टेट बैंक बांका शाखा की केवाईसी सत्यापन में यह उजागर हुआ कि फर्जी शिक्षक मनोज कुमार, झारखंड पुलिस में इंस्पेक्टर मनोज कुमार की जगह नौकरी कर रहा है।

एफआईआर दर्ज

दरअसल, 1994 की बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा में नाथनगर के मनोज कुमार सफल हुए थे। इसके तुरंत बाद मनोज दारोगा बन गए। बिहार-झारखंड बंटवारा में मनोज देवघर चले गए। उनकी जगह गोड्डा का कोई मनोज कुमार बन विभागीय मिलीभगत से विद्यालय में नौकरी करने पहुंच गया।

मामला सामने आने देवघर के मोहनपुर थाना में मनोज कुमार ने फर्जी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर मनोज का आरोप है कि गोड्डा निवासी मनोज कुमार फर्जी तरीके से उसके नाम पर शिक्षक की नौकरी कर रहा है।

ऐसे खुली पोल

उन्होंने बताया कि बैंक के बुलाने पर वे एसबीआई बांका पहुंचे। बैंक केवाईसी के विवरण में मनोज कुमार नाम देखा, जबकि उसमें पैन नंबर विवरण में मेरा नाम, पिता का नाम, पता, जन्म तिथि अंकित है। केवल हस्ताक्षर व फोटो मेरा नहीं था।

जालसाज शिक्षक के बारे में हैरान करने वाली बातें

वहीं, नगरी जानुकित्ता विद्यालय के प्रधान शिक्षक मनोज कुमार को लेकर तरह-तरह की बात सामने आ रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो मनोज ने दो शादी की है। प्राथमिक विद्यालय सिरादै में पदस्थापित रहने के दौरान उसने एक विधवा से दूसरी शादी रचा ली है। वह पहले से शादीशुदा और बाल बच्चेदार है।

बुधवार को उनके पदस्थापित नगरी जानुकित्ता विद्यालय में पूछताछ पर उन्होंने फर्जी होने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उसने कहा कि वह 1994 बैच के शिक्षक है। उसने कहा कि बैंक वालों के आरोप निराधार हैं। शिकायतकर्ता पुलिस अधिकारी हैं। कुछ भी कह सकते हैं।

इंस्पेक्टर मनोज कुमार शिकायत लेकर आए थे। थाने में केस भी दर्ज कराया है। शिक्षा विभाग ने इसका आवेदन मिलने पर 2017 से शिक्षक का वेतन बंद कर रखा है। मामले की फिर से जांच कराई जा रही है। शिक्षक के फर्जी निकलने पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

पवन कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बांका

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