बिहार के बांका जिले में मंगलवार देर शाम छापेमारी करने गई उत्पाद टीम पर शराब तस्करों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। टीम में शामिल जवानों के वाहन पर जमकर पथराव करने से एक जीप चालक दो महिला सिपाही गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इसमें चालक की हालत काफी गंभीर है। उसके सिर और शरीर के कई हिस्सों में गहरे जख्म हैं।
संवाद सूत्र, बांका। बिहार के बांका जिला के फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के गुरुरायडीह और गोबरदाह के बीच में मंगलवार की देर शाम छापेमारी करने गई उत्पाद विभाग की टीम पर शराब धंधेबाजों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने हमला कर दिया।
टीम में शामिल जवानों के वाहन पर जमकर पथराव करने से जीप चालक सुनील यादव, महिला सिपाही आरती और शिल्पी गंभीर रूप से जख्मी हो गईं। इसमें बलिया मारा गांव निवासी चालक की स्थिति काफी गंभीर है। चालक के सिर और शरीर के कई हिस्सों में गहरे जख्म हैं।
फिलहाल, उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। हमले से उत्पाद विभाग की दो गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने कहा कि हमलावारों की पहचान की जा रही है।
जख्मी सुनील ने बताया कि टीम छापेमारी करने के लिए रात करीब साढ़े आठ बजे गई थी। वहां पर शराब बिक्री की सूचना मिली थी।
टीम में शामिल उत्पाद विभाग के एसआइ और जवान दो गाड़ियों में सवार थे। जैसे ही गाड़ी फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के गुरुरायडीह और गोबरदाह के बीच पहुंची वहां एक युवक शराब पीकर ग्रामीणों ने उत्पाद विभाग की गाड़ी पर ईंट-पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। वे लोग करीब सौ की संख्या में थे।
इस दौरान उनलोगों ने रास्ते को भी रोक दिया। जिससे उनलोगों के पास आगे निकले के लिए कोई विकल्प नहीं था। रात होने के कारण और भी परेशानी हो रही थी।
इसी दौरान कुछ लोगों ने गाड़ी के पास आकर लाठी-डंडे से भी हमला शुरू कर दिया। जिससे उनके वह भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इसके बाद किसी तरह वे लोग वहां से निकले।
पुलिस के अनुसार, शराबी को पकड़ लिया गया था, लेकिन भीड़ ने उसे पुलिस से छुड़ा लिया।हमले में जख्मी ड्राइवर और दो महिला सिपाही को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया।
घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंचकर कर कैंप कर रही है। साथ ही उत्पाद अधीक्षक रवींद्र प्रसाद ने सदर अस्पताल पहुंचकर जख्मी के इलाज की जानकारी ली।
स्थानीय पुलिस पर उठ रहे सवाल
उत्पाद टीप पर हमला के बाद स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। चर्चा तो इस बात को लेकर है कि जिस जगह पर हमला हुआ है, उसके आसपास के कुछ लोग शराब के धंधे में संलिप्त हैं।
वहां पर शराब बिक्री से लेकर तस्करी के धंधे से जुड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही थी।
ऐसे में जब उत्पाद टीम पर हमला हुआ तो स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठना तय है। अगर स्थानीय पुलिस ने ऐसे लोगों पर पहले ही कार्रवाई किया होता तो इस तरह की घटनाएं नहीं होती।
पहले भी कई बार हो चुका है हमला
पुलिस और उत्पाद टीम पर हमला की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है। शराब तस्करों से ज्यादा हमला पुलिस पर बालू तस्करों ने किया है। रजौन थाना क्षेत्र में तो कई बार पुलिस पर हमला हो चुका है। इस तरह की घटनाएं अन्य थानों में भी है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
गुप्त सूचना के आधार पर दो गाड़ियों से टीम छापेमारी के लिए वहां गई थी। इसी दौरान करीब सौ की संख्या में लोगों ने हमला कर दिया। जिसमें चालक और दो महिला सिपाही जख्मी हो गई।
-रवींद्र प्रसाद, उत्पाद अधीक्षक, बांका
उत्पाद टीम पर हमला की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस को मौके पर भेजा गया है। साथ ही सभी जख्मी का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसमें पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
-वि
पिन बिहारी, एसडीपीओ, बांका
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