Move to Jagran APP

Banka News: सजा काटने वाले एक तिहाई विचाराधीन बंदियों को मिलेगी रिहाई, डीसीएलए ने दी जानकारी

बांका में विचाराधीन बंदियों के लिए एक तिहाई सजा काटने के बाद रिहाई का रास्ता खुल गया है। बीएनएसएस की धारा 479 के तहत यह प्रावधान किया गया है। इस नए नियम के तहत एक जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए आपराधिक मामलों में बंद विचाराधीन कैदियों को इसका लाभ दिया जाएगा। विचाराधीन बंदियों को सजा का एक तिहाई समय जेल में काटने के बाद रिहाई दी जाएगी।

By Sonam Kumar Singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 30 Aug 2024 04:36 PM (IST)
Hero Image
एक तिहाई सजा काटने वाले विचाराधीन बंदियों को मिलेगी रिहाई। (सांकेतिक फोटो)
संवाद सूत्र, बांका। एक तिहाई सजा काटने वाले विचाराधीन बंदियों को रिहाई मिल सकती है। एक विशेष प्रविधान के तहत रिहाई का रास्ता खुल गया है। इसको लेकर डीसीएलए के तत्वावधान में जागरुकता शिविर का आयाेजन गुरुवार को मंडल कारा में आयोजित किया गया।

इस क्रम में सहायक जेल अधीक्षक रामनंदन पंडित के नेतृत्व में अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, करुणेश कुमार, विकास पांडेय, चंद्रशेखर, हिमांशु शेखर आदि ने बंदियों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 479 के प्रविधान से अवगत कराया।

अधिवक्ताओं ने कहा कि नये कानून के तहत उन बंदियों को इसका लाभ दिया जायेगा, जो एक जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए आपराधिक मामलों में बंद विचाराधीन कैदी हैं।

इस नए प्रविधान के अनुसार विचाराधीन बंदियों को सजा का एक तिहाई समय जेल में काटने के बाद रिहाई देने की बात कही गयी है, जो भी बंदी इस श्रेणी मे आते हैं वह इस लाभ के लिए आवेदन दे सकते हैं।

जेल अधीक्षक की अनुशंसा पर इसे कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद न्यायालय के निर्देश पर इस प्रविधान का लाभ बंदी उठा सकते हैं।

सहायक जेल अधीक्षक ने बंदियों को इस प्रविवधान का लाभ उठाने के लिए विधिवत आवेदन कार्यालय में जमा करने की बात कही।

ज्ञात हो कि एक हजार से अधिक जेल में बंदियों की संख्या है। इसमें से ढ़ाई सौ से अधिक को इसका लाभ मिलने की संभावना है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।