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RTI से हुआ खुलासा, तो बता दिया टेक्निकल फाल्ट, वरना बांका में मनरेगा की ये राशि हो जाती हजम

बिहार के बांका में मनरेगा के तहत की गई अवैध निकासी मामले में आरटीआई वरदान साबित हुआ। जब आरटीआी से खुलासा हुआ तो इसे टेक्निकल फाल्ट बताकर भूल स्वीकार की गई। यदि आरटीआई न होता तो शायद राशि हजम कर ली जाती।

By Bijendra Kumar RajbandhuEdited By: Shivam BajpaiUpdated: Sat, 08 Oct 2022 04:07 PM (IST)
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बिहार के बांका जिले का मामला- आरटीआई से हुआ खुलासा।
संवाद सूत्र , शंभुगंज ( बांका ) : प्रखंड में कुछ स्थानों पर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) सिर्फ लूट-खसोट की योजना बन गई है। ताजा मामला खजूरी गांव से संबंधित है। यहां मनरेगा योजना में बगैर काम किए राशि निकासी होने का मामला सामने आया है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार सिंह द्वारा पूछे गये सूचना के अधिकार से हुआ है।

बताया कि वित्तीय वर्ष 2019 - 20 में योजना संख्या 20306190 के तहत प्राथमिक विद्यालय से बजरंगबली स्थान तक मिट्टी भराई और सुरक्षा दीवार बनाने की योजना थी। उक्त स्थान पर काम हुआ नहीं और फर्जीवाड़ा कर ढाई लाख की निकासी कर ली गई है। ग्रामीणों की शिकायत पर राजकुमार ने सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट मांगी है। जिसमें मामले का खुलासा हुआ है। कार्रवाई के लिए तत्कालीन पीओ रामेश्वर दास के खिलाफ जिले में शिकायत हुई है।

  • आरटीआई से हुआ खुलासा तो दोषी ने तकनीकी भूल स्वीकार कर जमा की राशि
  • अगर आरटीआई नहीं हाेता तो सरकारी राशि हो जाती हजम
जिसमें पंचायत तकनीकि सहायक एवं डाटा आपरेटर ने तकनीकि भूल स्वीकार की बात कहकर 2.50 लाख की राशि सरकार के खजाने में वापस कर दिया है। फिर इस मामले को जिले के वरीय पदाधिकारियों ने ठंडे - बस्ते में डाल दिया है। अब फिर से राजकुमार ने इस प्रकरण की जांच करने की मांग डीएम अंशुल कुमार से की है । इधर, मनरेगा पीओ अमीत कुमार ने बताया कि अभी तो प्रखंड में नया प्रभार मिला है । उन्होंने जांच करने की बात कही है।

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पांच नए राजस्व कर्मचारी

संवाद सूत्र,धोरैया (बांका) : अंचल कार्यालय में पांच नए राजस्व कर्मचारियों ने योगदान किया है। राजस्व पदाधिकारी सह प्रभारी सीओ भाई बिरेंद्र ने बताया कि जिन राजस्व कर्मचारियों ने योगदान किया है, उनमें संजय कुमार, सज्जन कुमार, विपिन कुमार, संदीप कुमार, मु शहंशाह आलम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब धोरैया में तीन से बढ़कर कर्मचारियों की संख्या आठ हो गई है। जिससे कार्यो में राहत मिलेगी।

यहां चार कर्मचारी के जिम्में बीस पंचायतों का कार्य था, लेकिन हाल ही दिनों में रिश्वत लेने का एक वीडियो वायरल होने के आरोप में जिला पदाधिकारी द्वारा राजस्व कर्मचारी अवधेश पोद्दार को निलंबित कर दिया गया था। जिससे तीन कर्मचारी के जिम्मे बीस हल्का का कार्य था। पांच नए कर्मचारी के आने से लंबित पड़े कार्यो में तेजी आएगी।

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