Move to Jagran APP

Bihar News: स्कूल में नमक समझकर यूरिया खाद खाने से 7 बच्चे बीमार, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

Bihar School News बिहार के एक स्कूल में सात बच्चों ने नमक समझकर यूरिया खाद खा ली जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अभिभावकों ने रसोइया और प्रभारी प्रधानाध्यापक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

By Dilip Kumar Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:05 PM (IST)
Hero Image
स्कूल में नमक समझकर यूरिया खाद खाने से सात बच्चे हुए बीमार। जागरण
संवाद सूत्र, फुल्लीडुमर (बांका)। प्रोन्नत मध्य विद्यालय, माणिक पथड्डा में सोमवार को सात बच्चों ने नमक समझकर रसोईघर में रखी यूरिया खाद खा ली। इसके बाद पहली व दूसरी कक्षा के सात बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बच्चों को अचानक दस्त होने लगा, तब शिक्षकों को इस बात की जानकारी मिली।

आनन-फानन में सभी बच्चों को फुल्लीडुमर अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। अभिभावकों ने इसके लिए रसोइया किरण देवी, ब्यूटी देवी एवं अनिता देवी समेत प्रभारी प्रधानाध्यापक रामरक्षा प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया है।

पीड़ित बच्चों में मुन्ना कुमार, अभिषेक कुमार, अमित कुमार, ऋषि राज, आयुष कुमार, संजीव कुमार एवं बादल हैं। अभिभावकों व ग्रामीणों ने बताया कि रसोइया एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है। रसोईघर में यूरिया रखना गलत है। ज्ञात हो कि धान के खेत में खाद देने के लिए रसोइया ने यूरिया की बोरी रखी थी।

इधर, ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रधानाध्यापक एवं रसोइया के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो वे लोग आंदोलन करेंगे। अब बच्चों को विद्यालय भेजने में डर लगने लगा है। रसोईघर में रखी खाद को जब बच्चे नमक समझकर खा रहे थे तो वहां तीन में से एक भी रसोइया उपस्थित नहीं थीं। अगर रसोइये वहां रहते तो उनकी दृष्टि बच्चों पर रहती। खाद रसोइया किरण देवी ने रखी थी। उनका खेत स्कूल के बगल में था।

रसोइघर में खाद रखने के मामले की जांच की जाएगी। दोषी रसोइया एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -राहुल कुमार, प्रबंधक शिक्षा परियोजना प्रबंधक

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।