ठंड में पशुओं की सेहत का रखें विशेष ध्यान
संवाद सूत्र बांका जिले में पिछले एक सप्ताह से ठंड बढ़ गई है। ठंड बढ़ते ही पशुपालकों को अपने पशुओं होने वाले बीमारी की चिता सताने लगी है। इसमें दुधारू पशुओं में होने वाली बीमारी को लेकर पशु विभाग द्वारा लोगों को अपने पशुओं का विशेष ध्यान देने के लिए सलाह दी जा रही है। किसान मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए बोरी या मोटे कपड़े ढक कर रख रहे हैं।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 27 Nov 2021 09:31 PM (IST)
-रात को समय खुले में पशुओं को बांधने पर हो सकता है बीमार
-दुधारू पशुओं की सेहत को लेकर और सजग रहने की जरूरत फोटो 27बीएन 11 संवाद सूत्र, बांका: जिले में पिछले एक सप्ताह से ठंड बढ़ गई है। ठंड बढ़ते ही पशुपालकों को अपने पशुओं होने वाले बीमारी की चिता सताने लगी है। इसमें दुधारू पशुओं में होने वाली बीमारी को लेकर पशु विभाग द्वारा लोगों को अपने पशुओं का विशेष ध्यान देने के लिए सलाह दी जा रही है। किसान मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए बोरी या मोटे कपड़े ढक कर रख रहे हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के पशु विज्ञानी डा. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से तापमान में अचानक कमी हुई है। इसके साथ ही पछिया हवा चलने से ठंड और बढ़ गई है। पशुओं को अत्यधिक सर्दी से बचाने के उपाय किया जाना चाहित। ऐसे समय में पशुओं को रात के समय खुले में कभी नहीं बांधे। पशुओं को गर्म स्थान पर जैसे छत के नीचे या घास फूस से छप्पर के नीचे रखना चाहिए। लेकिन फर्श गीले या ठंडे नहीं होने चाहिए। धूप निकलने पर पशुओं को धूप में बांधें, सूर्य की किरणें जीवाणु और विषाणु को नष्ट करने में सक्षम होती है। अधिक ठंड पड़ने पर पशु के शरीर को गर्म रखने के लिए शरीर पर कपड़ा या जूट की बोरी बांधकर रखना चाहिए।
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खुरहा समेत इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा खुरहा, मुंह पका रोग, गलाघोंटू, लंगडी, भेड़, चेचक आदि रोगों के होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इन बीमारियों से बचाव के लिए पशुपालकों को टीके लगवा लेना चाहिए। इसके साथ ही पशुओं को उचित कृमि नाशक दवाओं का भी उपयोग करना चाहिए। डा. धर्मेद्र ने बताया कि इस मौसम में निमोनिया (बछड़ों में) होने का खतरा भी रहता है। ऐसी स्थिति में पशु चिकित्सक से यथाशीघ्र परामर्श लेकर उचित औषधि पशुओं को देना चाहिए। साथ ही दुधारू पशुओं में थनैला रोग का भी खतरा रहता है।
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