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Bihar Flood News: 24 घंटे में चांदन डैम के जलस्तर में 13 फीट का उछाल, विभाग अलर्ट; लोगों के बीच बढ़ी चिंता

Bihar Flood News Hindi बांका जिले में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। 24 घंटे में चांदन डैम के जलस्तर में 13 फीट का उछाल आया है। इसको लेकर विभाग अलर्ट मोड पर है। जहां एक तरफ भारी बारिश से किसानों को खती में फायदा हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ को लेकर चिंता भी बढ़ गई है।

By Shekhar Kumar Singh Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 04 Aug 2024 06:11 PM (IST)
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बांका जिले के बौंसी प्रखंड स्थित चांदन डैम। फोटो- जागरण
संवाद सहयोगी, बौंसी (बांका)। 24 घंटे से हो रही वर्षा का असर चांदन डैम पर भी दिख रहा है। शुक्रवार को जहां चांदन डैम का जलस्तर 456 फीट था।

वहीं, डैम के कैचमेंट एरिया में मूसलाधार वर्षा के बाद शनिवार को जलस्तर 13 फीट बढ़ गया। अब डैम का जलस्तर 469 फीट तक पहुंच गया है।

विभाग के अनुसार, डैम के कैचमेंट एरिया में लगातार तीन दिनों तक वर्षा होने के बाद 500 फीट तक पहुंचने के बाद स्पेल हो सकता है। अभी डैम को स्पेल होने में 31 फीट और पानी की आवश्यकता है।

इधर, सिंचाई विभाग द्वारा किसानों को धान की रोपाई के लिए नहर में 100 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। इससे किसानों द्वारा धान रोपाई तेजी से की जा रही है।

डीएम अंशुल कुमार के निर्देश पर शनिवार को सीओ कुमार रवि, सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता अच्युतानंद सिंह,कनिय अभियंता मनोज कुमार, गेज मीटर कर्मी अनिल कुमार ने चांदन डैम का निरीक्षण कर डैम के जलस्तर की रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।

अधिकारी का कहना है कि डैम का जलस्तर बढ़ने से अभी फिलहाल कोई खतरा नहीं है। जलस्तर पर दिन एवं रात नजर रखी जा रही है। वहीं लगातार वर्षा से खेतों में भी पानी भर गया है। वर्षा से मौसम भी सुहाना हो गया है।

दूसरी तरफ, चांदन डैम मार्ग पर जंगली मोड़ से नवोदय विद्यालय तक सड़क के दोनों ओर कटीले झाड़ियों से लोगों को आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है।

रजौन में पांच प्रतिशत ही हुई रोपनी

रजौन (बांका) क्षेत्र में शुक्रवार से लगातार रुक रुक कर हो रही वर्षा से किसान खुश नजर आ रहे हैं। ज्ञात हो कि सावन मास में यहां उचित वर्षा नहीं होने से धान की रोपनी कार्य प्रभावित है, लेकिन वर्षा का फायदा उठाकर अब किसान इसमें जुट गए हैं। अबतक यहां पांच प्रतिशत भूभाग में ही धान की रोपनी हो सकी है।

अधिकांश किसान खेत में पानी नहीं रहने से यह कार्य शुरू नहीं कर कर सके हैं। किसान अवधेश यादव, शंकर मंडल ने कहा कि पिछले वर्ष भी इस माह में मौसम द्वारा दगा दिए जाने से यह काम लेट से शुरू हो पाया था। अब इससे आशा जगी है।

खासकर लंबी अवधि वाले धान की रोपनी करने का समय लगभग समाप्त होने वाला है। कहा कि यहां बिजली की स्थिति में सुधार नहीं होने से भी इसको लेकर परेशानी हो रही है।

सरकार ने इसके लिए 14 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए कहा है। कृषि समन्वयक प्रवीण कुमार पांडेय ने किसानों से जल्द धान की रोपनी कर लेने की सलाह दी है।

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