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Begusarai News: बेगूसराय में मंडराया बाढ़ का खतरा, बूढ़ी गंडक के उफनाने से इन गांवों पर संकट; कट रही बांध की मिट्टी

Begusarai News बिहार के बेगूसराय में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ताजा स्थिति के मुताबिक नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण कई बूढ़ी गंडक के आसपास बसे गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पहसारा पश्चिम डफरपुर छतौना समेत कई गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है। वहीं मुजफ्फरपुर के गायघाट के रामपट्टी और मिश्रौली में बागमती नदी का रिंग बांध शुक्रवार देर शाम टूट गया।

By Hareram Singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 13 Jul 2024 03:13 PM (IST)
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बेगूसराय में मंडराया बाढ़ का खतरा (जागरण)
संवाद सूत्र, नावकोठी (बेगूसराय)। Begusarai News: बेगूसराय के नावकोठी प्रखंड क्षेत्र में हो रही वर्षा और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर तटबंध से कहीं दूर है तो कहीं समीप। पानी का दबाव तटबंध पर बढ़ गया है।

तटबंध के आसपास के लोगों की परेशानी बढ़ गई

तटबंध के आसपास के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रखंड क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से पर बूढ़ी गंडक नदी है। पहसारा पूर्वी पंचायत को छोड़कर शेष महेशवाड़ा, पहसारा पश्चिम, डफरपुर, छतौना, टेकनपुरा, नावकोठी हसनपुर बागर, इस्फा, सिसौनी, विष्णुपुर एवं समसा पंचायत के गांव बूढ़ी गंडक तटबंध के आसपास बसे हैं।

महेशवाड़ा के लोगों ने बताई स्थिति

महेशवाड़ा के कमल किशोर सिंह ने बताया कि महेशवाड़ा की पश्चिमी सीमा पर सिउरी पुल के नजदीक से बगरस स्लूइस गेट तक नावकोठी प्रखंड के बूढ़ी गंडक का तटबंध है। साथ ही क्षेत्र की अधिकांश पंचायतों की खेतीबारी नदी के दियारा क्षेत्र से जुड़ी हुई है। इससे खेती के लायक रकबा बूढ़ी गंडक के दियारा क्षेत्र में अधिक है। किसानों ने बताया कि बाढ़ के समय तटबंध पर दबाव अधिक रहता है।

बांध काफी जर्जर हो गया

कमलपुर के विद्यानंद सिंह ने बताया कि बांध काफी जर्जर हो गया है। वर्षा के कारण बांध पर की मिट्टी कटकर बह गई है। फलत: बड़ी-बड़ी दरारें हो गई हैं। बांध पर पैदल चलना भी मुश्किल है। इसका मुख्य कारण उसकी मरम्मति नहीं होना, लोगों का अवैध रूप से बांध पर कब्जा कर पशु बांधना, घर बना लेना, गोबर, जलावन रखना आदि है। बांध की चौड़ाई आवागमन में कम पड़ रही है। विभागीय लापरवाही के कारण महेशवाड़ा से बगरस तक बांध काफी जर्जर हो गया है।

इस वजह से बांध हुआ जर्जर

मिट्टी की अवैध कटाई एवं बांध के रास्ते से हो रही धड़ल्ले से ढुलाई के कारण भी बांध की स्थिति जर्जर हो गई है। ग्रामीणों का मानना है कि बाढ़ पूर्व ही बांध की जर्जर स्थिति को दुरुस्त करने की जरूरत है। कमलपुर हनुमान जी मंदिर के समीप तटबंध पर जिला प्रशासन के द्वारा बोरी में मिट्टी भरकर बांध के समीप दिया जा रहा है।

वहीं छतौना ढाला से भगवती स्थान तक तटबंध पर थोड़ी-थोड़ी मिट्टी डालकर खानापूर्ति की गई है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। टेकनपुरा के कन्हैया प्रसाद सिंह, छतौना के पंसस अजीत सिंह सहित ग्रामीणों ने अतिशीघ्र तटबंध मरम्मत करवाने की मांग की।

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