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Bihar: स्कूली छट्टियों में कटौती को शिक्षक संघ ने बताया तुगलकी फरमान, कहा- ये मानसिक प्रताड़ना है

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर स्कूलों में छुट्टियों की नई सूची जारी होते ही हड़कंप मच गया है। शिक्षक संघ के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने भी इस पर टिप्पणी देनी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर जहां रात से ही इसे लेकर बवाल मचा हुआ है। बुधवार सुबह से शिक्षक संगठन भी प्रेस विज्ञप्ति और वीडियो जारी कर इसकी निंदा कर रहे हैं।

By Khalid TanveerEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 30 Aug 2023 07:14 PM (IST)
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Bihar School Holiday News: शिक्षक संगठनों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आदेशी की निंदा की।

जागरण संवाददाता, बेगूसरायBihar School Holiday News: बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (Additional Chief Secretary KK Pathak) के आदेश पर स्कूलों में छुट्टियों की नई सूची जारी होते ही हड़कंप मच गया है। शिक्षक संघ (Teachers Union) के साथ-साथ राजनीतिक दल (Political Party) भी इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।

केके पाठक (KK Pathak) के आदेश के बाद सोशल मीडिया (Social Media) पर बवाल मचा हुआ है। नेता से लेकर शिक्षक और विभिन्न संगठनों द्वारा विभाग के इस आदेश की कड़ी निंदा की जा रही है। बुधवार सुबह से ही शिक्षक संगठन प्रेस विज्ञप्ति और वीडियो जारी कर इसकी निंदा कर रहे हैं।

गिरिराज के ट्वीट पर मचा घमासान

बेगूसराय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Begusarai MP, Union Minister Giriraj Singh) ने भी इस संबंध में एक ट्वीट कर बिहार सरकार पर निशाना साधा है। गिरिराज सिंह ने अपने ट्वीट में बिहार सरकार पर शरिया कानून लागू करने का शक जताया है।

गिरिराज सिंह ने लिखा कि सरकार हिंदू त्योहारों की छुट्टियां रद्द कर रही है। संभव है कि भविष्य में वह बिहार में शरिया कानून लागू कर दे।

मंत्री का ट्वीट सामने आते ही इसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में जयश्री राम के नारे लगने लगे। साथ ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ नारेबाजी हुई।

क्या बोला बीएसटीए 

बीएसटीए के प्रदेश महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश राय, जिलाध्यक्ष उमानंद चौधरी, जिला सचिव रंजीत कुमार ने शिक्षा विभाग के आदेश को शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करने वाला बताया है।

इन नेताओं ने कहा है कि इससे पहले भी जाति आधारित गणना के दौरान शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से तय समय के बाद काम कराया। अब स्कूल की छुट्टी के बाद वीसी के नाम पर शिक्षकों से प्रतिदिन शाम चार से छह बजे तक काम कराया जा रहा है। एसोसिएशन के नेताओं ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है।

विभाग के तर्क पर उठाया सवाल

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष साकेत सुमन, जिला प्रधान सचिव राम कल्याण पासवान ने कहा कि सरकारी स्कूलों में 253 दिन का कार्यदिवस है। जहां केवल 60 दिन की छुट्टी दी जाती है, वहीं रविवार/शुक्रवार की 52 दिनों की छुट्टी होती है। ऐसे में विभाग का यह कहना अनुचित है कि बिहार के स्कूल में 220 दिनों की कक्षाएं संचालित करना अनिवार्य है।

गुमराह करने का लगाया आरोप

टीईटी-एसटीईटी गोपगुट के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षा विभाग 220 दिन काम का हवाला देकर लोगों को गुमराह कर रही है। इस वर्ष सितंबर से शेष 28 दिनों की छुट्टियों में से आठ दिन की कटौती कर दी गई है, जो निंदनीय है।

आस्था का मजाक बनाने का लगाया आरोप 

टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि दुर्गा पूजा में आठ दिनों की जगह रविवार समेत तीन दिन, दीपावली में सात दिनों की जगह रविवार को एक दिन, महापर्व छठ में सात दिनों की जगह रविवार को एक दिन छुट्टी होगी।

राजू सिंह ने कहा कि विभाग एक दिन की छुट्टी देकर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। उन्होंने इस आदेश को हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था का मजाक बनाने वाला बताया है।

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