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राख ठिकाने लगाने में छूटते थे पसीने, अब उससे लाखों का हो रहा मुनाफा

बेगूसराय कल तक जो परेशानी का सबब था उसका कोई पूछ नहीं था। आज उसी को बेचकर लाखों

By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Mar 2021 09:40 PM (IST)
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राख ठिकाने लगाने में छूटते थे पसीने, अब उससे लाखों का हो रहा मुनाफा

बेगूसराय : कल तक जो परेशानी का सबब था, उसका कोई पूछ नहीं था। आज उसी को बेचकर लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है। एनटीपीसी से निकलने वाला फ्लाई एश से रेलवे व एनटीपीसी लाखों रुपये का आमदनी हो रहा है। इससे सैकड़ों लोगों का रोजगार सृजन हो रहा है। गढ़हरा यार्ड से मालगाड़ी से गोहाटी के लिए लगातार फ्लाई एश की लोडिग हो रही है। फ्लाई एश का उपयोग सीमेंट एवं ईंट बनाने में किया जा रहा है। गोहाटी में बड़े पैमाने पर इसकी मांग है। पांच दिसंबर 2020 को पहली बार गढ़हरा यार्ड में हुई थी लोडिग :

गढ़हरा यार्ड से पहली बार फ्लाई एश की लोडिग पांच दिसंबर को गोहाटी के लिए हुई थी। इससे रेलवे को 13.86 लाख रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि दूसरी बार की लोडिग से 24 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। एनटीपीसी एजीएम (एयू) आरके प्रसाद ने बताया कि फ्लाई एश के औद्योगिक उपयोग से क्षेत्र में इसके धूल से गंगा नदी एवं पर्यावरण में फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम में मदद मिलेगी। फ्लाई एश का उपयोग सीमेंट और ईंट के निर्माण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फ्लाई एश बिजली उत्पादन के बाद निकलने वाला कूल रॉ मेटेरियल है। एनटीपीसी बरौनी को अभी तक की फ्लाई एश की बिक्री से अनुमानित सात लाख 80 हजार रुपये प्राप्त हुआ है। तीन सौ से अधिक कामगारों मिला है रोजगार फ्लाई एश लोडिग कराने वाली कंपनी शिव शक्ति इंटरप्राइज के स्थानीय पदाधिकारी बीहट निवासी संजीव सिंह ने बताया कि सीमेंट कंपनी के लिए गढ़हरा से गोहाटी के लिए मालगाड़ी की पूरी 42 रैक बुक की गई है। इसमें तीन सौ से अधिक कामगारों और 80 ट्रक दिन रात लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी या अन्य बिजली उत्पादन संयंत्र के उपयोग में आने वाले कोयले के जलने के उपरांत निकले हुए रॉ-मेटेरियल (राख) को ही फ्लाई एश कहा जाता है।

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