भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह दोबारा बने ModiSarkar2 में मंत्री
भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह दोबारा केंद्र में मंत्री बने। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया को उनहोंने 4.22 लाख के बड़े अंतर से हराया था।
By Rajesh ThakurEdited By: Updated: Fri, 31 May 2019 08:17 AM (IST)
बेगूसराय [राजीव शर्मा]। 17 वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से चार लाख 22 हजार मतों के बड़े अंतर से जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्रसंघ (JNUSU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को हराकर संसद पहुंचने वाले भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) केंद्र में दोबारा मंत्री बने। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। ModiSarkar2 में शमिल किये जाने पर बेगूसराय की जनता में खुशी है। पिछले कार्यकाल में उनके जिम्मे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय था। उन्हें विभाग में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।
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नीतीश सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं गिरिराज सिंह अपनी राजनीतिक यात्रा में सबसे पहले वे वर्ष 2002 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। लगातार दो टर्म में वर्ष 2014 तक वे विधान पार्षद रहे। इस दौरान नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल की पहली पारी के दूसरे विस्तार में गिरिराज सिंह 2008 से 2010 तक सहकारिता मंत्री तथा दूसरी पारी में 2010 से 2013 तक पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे पहली बार नवादा से सांसद चुने गए थे। वर्ष 2017 में मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के समय गिरिराज सिंह को पहली बार केन्द्र में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेवारी मिली थी।
नीतीश सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं गिरिराज सिंह अपनी राजनीतिक यात्रा में सबसे पहले वे वर्ष 2002 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। लगातार दो टर्म में वर्ष 2014 तक वे विधान पार्षद रहे। इस दौरान नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल की पहली पारी के दूसरे विस्तार में गिरिराज सिंह 2008 से 2010 तक सहकारिता मंत्री तथा दूसरी पारी में 2010 से 2013 तक पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे पहली बार नवादा से सांसद चुने गए थे। वर्ष 2017 में मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के समय गिरिराज सिंह को पहली बार केन्द्र में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेवारी मिली थी।
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बड़हिया में जन्मे गिरिराज ने बेगूसराय से शुरू की थी राजनीति
गिरिराज सिंह का जन्म भले ही नौ सितंबर 1952 को लखीसराय जिले के बड़हिया में हुआ, परंतु शिक्षा-दीक्षा के साथ राजनीति का पाठ भी उन्होंने बेगूसराय में ही पढ़ा। दरअसल, उनका ननिहाल बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल के सिउरी में एवं फुआ का घर बलिया अनुमंडल के सदानंदपुर गांव में है। उस समय बड़हिया में अपराध चरम पर था। उनके पिता ने उन्हें ऐसी संगति से बचाए रखने के लिए गांव में प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत के बाद ही उन्हें अपनी बहन के घर सदानंदपुर भेज दिया। वे सदानंदपुर में रह कर ही पढ़ाई की। परीक्षा देने वे बड़हिया जाते थे। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय, बोधगया से इंटर एवं स्नातक की डिग्री हासिल की।
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स्नातक करने के बाद गिरिराज सिंह ने एक नामी गिरामी कंपनी की पंप सेट की एजेंसी लेकर बेगूसराय में ही व्यवसाय की शुरुआत की। यहीं एक शादी समारोह में उनकी मुलाकात भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र से हुई। उनसे प्रेरित व प्रोत्साहित होकर उन्होंने भाजपा का दामन थामा और वर्ष 1985-86 में पटना चले गए। वहां वे भाजयुमो से जुड़ गए।
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भाजयुमो के बेगूसराय, समस्तीपुर व खगडिय़ा के संगठन प्रभारी रहने के साथ 1990 में वे प्रदेश भाजयुमो की टीम में महासचिव बने। भाजयुमो में उनके साथ काम करने वाले भाजपा नेता अमरेंद्र कुमार अमर, वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि गिरिराज सिंह की सेवा और संघर्ष का सरोकार बेगूसराय से ही रहा है, इसलिए बेगूसराय उनकी सिर्फ कर्मभूमि नहीं, बल्कि राजनीतिक जन्मभूमि भी है। पढ़ें- मंत्री बने नित्यानंद: कभी लालू को दी थी चुनौती, नहीं रोकने दिया था आडवाणी का रथलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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