Prashant Kishor: 'मुर्गा-भात खाकर कहिएगा मुखिया जी चोर है', प्रशांत किशोर ने लोगों को अलग ही अंदाज में समझाया
Bihar News जनसुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर इन दिनों बेगूसराय जिले में घूम रहे हैं। उन्होंने बखरी में लोगों को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान लोगों को वोटों का महत्व समझाया। उन्होंने समझाया कि कैसे लोगों के बच्चे का भविष्य बनेगा। उन्होंने नई तरह की राजनीति पर जोर देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वोट को बेचिए मत नहीं तो नेता भी चोर ही मिलेगा।
संवाद सहयोगी, बखरी (बेगूसराय)। Prashant Kishor: आपके वोट में वो ताकत है जो आपके बच्चों का भविष्य बदल सकता है। आप अपने वोट की ताकत को समझें और उसका सही प्रयोग करें। शनिवार को उक्त बातें जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बखरी में कहीं। उन्होंने कहा कि यही बताने के लिए विगत 16 महीने से बिहार की पदयात्रा पर हूं।
मुर्गा-भात खाकर वोट बेचिएगा तो मुखिया जी चोर ही होगा: प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि हम गांव में जाते हैं, तो लोग कहते हैं कि मुखिया जी चोरी करते हैं। राशन कार्ड बनाने, इंदिरा आवास सहित सभी योजनाओं में घूस लग रहा है। तो सीधी समझ होनी चाहिए कि अगर आप अपना वोट बेचिएगा तो मुखिया जी चोर नहीं तो हरिशचंद्र थोड़े होगा।
अभी दो वर्ष पहले ही मुखिया चुनाव हुआ। इसमें पांच-पांच सौ रुपये लेकर, कहीं मुर्गा-भात खाकर वोट बेचा गया। ऐसे में ईमान की बात कैसे होगी। आपके बच्चों का भला कैसे होगा। इसलिए आपको अपने मताधिकार को समझना होगा। बिहार के लोगों को उसके मूल अधिकार के प्रति सचेत करने के लिए ही हमारी पदयात्रा है।
पद यात्रा के लिए सलौना ठाकुरबाड़ी में जुटे भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रशांत किशोर समाज के सभी वर्गों को अपना परिवार समझते हैं। यही कारण है कि अति पिछड़ा समाज का सर्वाधिक भरोसा उनके नेतृत्व पर है।
सभी पार्टियों ने कर्पूरी ठाकुर के नाम पर केवल राजनीति की है: प्रशांत किशोर
बिहार की सभी पार्टियों ने कर्पूरी ठाकुर के नाम पर केवल राजनीति की है। लेकिन इन सभी ने समाज के कमजोर वर्गों विशेषकर पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान नहीं रखा। बिहार के लोगों को अशिक्षित, फटेहाल और बेरोजगार बनाकर छोड़ दिया गया।
सभा में सभी राजनीतिक दलों पर अति पिछड़ा समाज की लगातार उपेक्षा करने तथा आबादी के हिसाब से राजनीतिक भागीदारी नहीं देने का आरोप भी लगाए गए। कहा, कि ढाई करोड़ बिहार के लोग यहां से पलायन करके देश के दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए भटक रहे हैं और गालियां सुन रहे हैं।यदि बिहार में उद्योग, अच्छी और उन्नत शिक्षा व्यवस्था होती, रोजगार के अवसर होते तो अति पिछड़े समाज की हालत बेहतर हुई होती।
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