बिहार के कई जिलों में आंधी के साथ हुई बारिश से मौसम का मिजाज थोड़ा बदल गया है। बिहार वासियों को चिलचिलाती गर्मी और हीटवेव से थोड़ी राहत मिली है। वहीं इस बारिश से किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। आंधी-तूफान से जहां आम-लीची के फलों का नुकसान पहुंचा है वहीं झमाझम बारिश ने खरीफ की फसल फायदा पहुंचाया है।
जागरण संवाददाता, बेगूसराय। गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह विभिन्न क्षेत्रों में आंधी के साथ हुई बारिश से मौसम का मिजाज बदला-बदला नजर आया। बीते कई दिनों से चल रहे हीटवेव और तपिश से लोगों को राहत मिली, वहीं किसानों के चेहरे भी खिल उठे।
आंधी-तूफान से एक तरफ जहां, आम-लीची के फलों का नुकसान पहुंचा है, दूसरे ओर झमाझम बारिश ने खरीफ की फसल फायदा पहुंचाया है। बारिश के बाद किसानों को खरीफ फसल की बोआई में सुविधा होगी।
वहीं, बीते कई दिनों से भीषण गर्मी से अस्त व्यस्त जनजीवन शुक्रवार को राहत में रही। तापमान में भी पांच डिग्री तक की गिरावट अंकित की गई है।
दिनभर छाए रहे बादल, रात में झमाझम बारिश
शहरी क्षेत्रों में जगह-जगह जलभराव से लोगों को परेशानी हुई, लेकिन भीषण गर्मी से फिलहाल छुटकारा मिलने से लोगों में हर्ष है।
गुरुवार को दिनभर आकाश में छाए बादल तथा तेज पुरबा हवा के बाद मध्य रात्रि में आंधी के साथ झमाझम वर्षा हुई। लगभग 12.20 में शुरू हुई यह वर्षा एक घंटे तक जारी रही। इससे मौसम काफी सुहाना हो गया।
वर्षा की ठंडी फुहारों के कारण लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली और वे चैन की नींद सो सके।
भीषण गर्मी व लू की चपेट में राज्य
बताते चलें कि विगत एक सप्ताह से पूरा राज्य भीषण गर्मी और लू की चपेट में था। लोगों को न दिन में चैन और न रात में आराम मिल रहा था। दिनभर तेज धूप में तपते घर रात को खौलता कड़ाह बन गया था। घर में लगे एसी, कूलर और पंखा भी नाकाम थे। घर के बदले लोग तपती छत पर पानी डालकर ठंडा करते, फिर किसी तरह रात गुजारते थे।
बदले मौसम ने लुढ़काया पारा
हालांकि, गुरुवार की रात्रि मौसम ने करवट ली और तापमान का पारा अचानक लुढ़क गया। इससे गुरुवार को 40 डिग्री के आसपास घूम रहा थर्मामीटर का पारा शुक्रवार को 31 डिग्री पर रहा। तेज पुरबा हवा के झोंके भी लोगों को और आनंदित कर रहे थे। हालांकि मौसम का यह मिजाज कब तक बरकरार रहेगा, यह कोई नहीं जानता।
खेतों में नमी खेती किसानी में जुटे किसान
वर्षा के होने से खेतों में पर्याप्त नमी आ गई है। इससे किसान खरीफ फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। खासकर किसान धान की नर्सरी लगाने के लिए तैयार हो गए हैं।
कई किसानों ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में धान का बीज गिराने और समय पर उसकी रोपणी होने से फसल की उत्पादकता बढ़ती है। यह वर्षा किसानों के लिए अमृत समान है।
आम की फसल को नुकसान
वर्षा के साथ आई आंधी से आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवा के कारण आम के बड़े और वजनी हो चुके टिकोले झड़ गए हैं। बगीचों में इनके नुकसान को देख किसानों ने बताया कि इस वर्ष आम की फसल बहुत कम लगी है। उपर से यह नुकसान उनको आर्थिक क्षति कर गया है।
आंधी-तूफान के चलते बिजली गुल
झमाझम बारिश के बाद लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली। उस वक्त बिजली गुल रही। हालांकि बहुत अधिक दिक्कत नहीं हुई। बिजली तीन घंटे बाद पुनः चालू हो गई। एक सप्ताह से उमस भरी गर्मी व जानलेवा धूप झेल रहे लोगों को गुरुवार की रात्रि आंधी और पानी से सुकून मिला।
हालांकि, आंधी से आम व लीची के फल को नुकसान हुआ है। वहीं, किसानों में रेवती नक्षत्र की पहली वर्षा ने मुस्कान ला दिया है। अगर एक अच्छी वर्षा और हो जाए तो खरीफ फसल की बोआई किसान शुरू कर देंगे। गर्मी से राहत मिलने पर शुक्रवार को बाजार एवं कार्यालयों में भी चहल पहल रही।
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