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BPSC Success Story: मुखिया पद को छोड़ टीचर बने बेगूसराय के टुनटुन पासवान, बोले- शुरू से ही शिक्षा के प्रति रहा लगाव

बेगूसराय के टुनटुन पासवान मुखिया का पद छोड़ शिक्षक बन गए हैं। टुनटुन पासवान 2016 से अब तक कादराबाद पंचायत के मुखिया थे। वर्तमान में वे बखरी के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घाघरा में कॉमर्स शिक्षक के पद पर योगदान दे रहे हैं। इस साल बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में उन्होंने 46 अंक हासिल कर उत्तीर्णता हासिल की है।

By Prabhat Kumar JhaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Fri, 17 Nov 2023 02:58 PM (IST)
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मुखिया पद को छोड़ टीचर बने बेगूसराय के टुनटुन पासवान, बोले- शुरू से ही शिक्षा के प्रति था लगाव

संवाद सूत्र, बछवाड़ा (बेगूसराय)। बछवाड़ा प्रखंड की कादराबाद पंचायत के मुखिया टुनटुन पासवान मुखिया पद को छोड़कर शिक्षक का पद संभाल लिया है। वे विगत सात वर्षों से कादराबाद पंचायत में मुखिया पद को संभाल रहे थे। वर्तमान में वे बखरी के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घाघरा में कॉमर्स शिक्षक के पद पर योगदान दे रहे हैं।

इस साल बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में उन्होंने 46 अंक हासिल कर उत्तीर्णता हासिल की है। मुखिया ने बताया कि उनकी प्रारंभ से ही सरकारी शिक्षक बनकर शिक्षा से जुड़े रहने की चाहत थी। वर्ष 2016 में गांव के लोगों ने उन्हें मुखिया पद पर चुनाव लड़ने को प्रोत्साहित किया। नतीजतन वे चुनाव मैदान में उतरे थे।

26 वर्ष की आयु में चुने गए मुखिया

उन्होंने बताया कि मुखिया पद पर उनकी बड़ी जीत हुई थी। इसके बाद 26 वर्ष की आयु में वे मुखिया चुने गए। लगातार दो टर्म तक मुखिया चुने जाने के बाद जब बीपीएससी द्वारा शिक्षक की भर्ती आई तो उन्होंने मुखिया पद को छोड़ शिक्षक पद को चुन लिया।

गांव में चलाते थे रेडीमेड कपड़े की दुकान

टुनटुन पासवान की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी विद्यालय में हुई थी। वर्ष 2007 में हाई स्कूल नारेपुर से मैट्रिक परीक्षा पास की थी। पिता किसान हैं, वहीं छोटा भाई सीआईएसएफ में कॉन्स्टेबल पद पर कार्यरत हैं। अब तक मुखिया पद पर रहते हुए परिवार के भरण पोषण के लिए वे अपने गांव में ही रेडीमेड कपड़े की दुकान चला रहे थे।

वर्ष 2012 में तेयाय कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 2019 में मुखिया रहते हुए उन्होंने बीएड किया। वे कादराबाद पंचायत के वार्ड संख्या सात के रहने वाले हैं।

मुखिया ने बताया कि आरंभ से ही उन्हें शिक्षा के प्रति काफी लगाव रहा है। यही वजह है कि उन्होंने मुखिया का पद छोड़कर शिक्षक पद को चुना है। शिक्षक पद पर चयन होने के बाद उन्होंने विगत 24 अक्टूबर को मुखिया पद से अपना त्यागपत्र जिला पंचायती राज पदाधिकारी को सौंप दिया। उनका मुखिया पद से त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है।

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