Bihar News ग्रामीणों ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से शिकायत के आवेदन पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांग दी। इसके बाद उन्हें अलग तरीके से जवाब मिला। बता दें कि सिहमा पंचायत के ग्रामीणों ने सीएम से मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा योजना में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इस पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने ग्रामीणों को जवाब दिया।
संवाद सहयोगी, छौड़ाही (बेगूसराय)। ग्राम पंचायत की योजना के संचालन में मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा कार्य में घटिया निर्माण, कागज पर आमसभा का आयोजन आदि गड़बड़ी करने की शिकायत ग्रामीण प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों से करते रहते हैं। परंतु, आवेदन की जांच तक अधिकारी करना मुनासिब नहीं समझते।
ग्रामीण थक हार कर राज्य के मुख्यमंत्री को इस आशा के साथ आवेदन देते हैं कि इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री स्तर पर भी कार्रवाई नहीं होते देख अब ग्रामीण सूचना के अधिकार का प्रयोग कर मुख्यमंत्री से ही उनके आवेदन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांग दी है।
छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र के सिहमा पंचायत के ग्रामीणों ने आवेदन पर कार्रवाई नहीं होते देख मुख्यमंत्री से एक्शन टेकन रिपोर्ट की मांग कर दी। मुख्यमंत्री सचिवालय ने ग्रामीणों को जवाब देते हुए कार्रवाई करने की बात कही है।
यह है मामला
प्रखंड क्षेत्र की सिहमा पंचायत के शिव शंकर राय, विकास राय, संजय चौधरी, रामबाबू चौधरी सहित अन्य ग्रामीणों ने विगत आठ जनवरी को मुख्यमंत्री को रजिस्टर्ड डाक से आवेदन देकर पंचायत में चलाई गई योजनाओं में मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा लूट खसोट करने का आरोप लगाते हुए जांच एवं कार्रवाई की मांग की थी।
आवेदन में मुखिया रामप्रीत ठाकुर एवं पंचायत सचिव रामसागर यादव की मिलीभगत से जेई की गैर मौजूदगी में पंचायत के वार्ड नंबर पांच में बगैर ईंट सोलिंग किए ही प्राक्कलन के विरुद्ध तीन से चार इंच मोटी ढलाई कार्य किया गया।
अपग्रेड हाई स्कूल सिहमा में घटिया जिम सामग्री लगाने, जल जीवन हरियाली योजना के तहत वार्ड नंबर पांच, आठ एवं नौ में कुआं का आधा अधूरा एवं गुणवत्ता विहीन जीर्णोद्धार कार्य कराया गया।
पंचायत भवन की मरम्मत के नाम पर छोटे से परिसर में शेड निर्माण एवं उपस्कर खरीद के नाम पर 15 लाख रुपये की सरकारी राशि की लूट खसोट की गई।
वार्ड नंबर आठ में कचरा घर निर्माण में लूट खसोट करने एवं विगत एक साल से पंचायत में आमसभा का आयोजन रजिस्टर पर ही होने, मुखिया जी के दरवाजे पर पहुंचने वाले ग्रामीणों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवा कर फर्जी आमसभा, ग्रामसभा की कार्रवाई पूरी करने का आरोप लगाया गया था।
नहीं हुई कार्रवाई तो आरटीआई के तहत मांगा जवाब
मुख्यमंत्री को शिकायती आवेदन दिए दो माह बाद भी जांच एवं कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीण शिव शंकर राय ने विगत दो मार्च को मुख्यमंत्री से सूचना के अधिकार के तहत शिकायत के आलोक में की गई कार्रवाई से संबंधित जवाब मांगा।
साथ ही अभी तक की गई कार्रवाई का संपूर्ण दैनिक रिपोर्ट पत्रांक एवं ज्ञापांक के साथ सूचना उपलब्ध करवाने को कहा।
मुख्यमंत्री सचिवालय से आया जवाब
25 अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय से जवाब भेजा गया।
मुख्यमंत्री सचिवालय के अवर सचिव सह लोक सूचना पदाधिकारी सुभाष पासवान ने पत्रांक -217/दिनांक 25-4 -2024 के माध्यम से आवेदक शिव शंकर राय को कार्रवाई से संबंधित भेजी सूचना में कहा कि आवेदन 12 जनवरी को प्राप्त हुआ था।
19 जनवरी को नियमानुकूल आवश्यक कार्रवाई के लिए पंचायती राज विभाग, पटना के अपर मुख्य सचिव को भेजा गया। इसकी प्रति डीएम बेगूसराय को आनलाइन अग्रसारित कर दी गई है। आगे की कार्रवाई संबंधी सूचना पंचायती राज विभाग पटना या स्थानीय लोक सूचना प्राधिकार से प्राप्त करने को कहा गया।
अब मुख्यमंत्री सचिवालय से जवाब आने के बाद शिकायतकर्ता ग्रामीणों को सरकारी पंचायत योजनाओं में हुई गड़बड़ी की जांच एवं कार्रवाई की आस जगी है।
कहते हैं मुखिया
सिहमा पंचायत के मुखिया रामप्रीत ठाकुर ने भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि ठीकेदारी नहीं मिलने के कारण विरोधियों द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाया गया है। हम किसी भी तरह की जांच व कार्रवाई के लिए तैयार हैं। वहीं पंचायत सचिव रामसागर यादव से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, परंतु उन्होंने फोन काल रिसीव नहीं किया।
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