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बूंद-बूंद को तरस रहे भागलपुर शहर के 30 हजार लोग, बोरिंग से पानी की जगह निकल रहा कंकड़-पत्थर और मिट्टी

Bihar News अप्रैल महीने की शुरुआती गर्मी में ही भागलपुर शहर के दक्षिणी क्षेत्र में बोरिंग फेल होने लगे हैं। भूजल का स्तर नीचे जाने से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गये हैं। कुछ लोग आस-पड़ोस के घरों पर निर्भर हैं तो कुछ लोग दूर-दराज से पानी ढोकर लाने के लिए मजबूर हैं।

By Jitendra Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 11 Apr 2024 04:16 PM (IST)
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अप्रैल में ही फेल होने लगे बोरिंग, बूंद-बूंद को तरस रहे 30 हजार लोग। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शुरुआती गर्मी (अप्रैल माह) में ही भागलपुर शहर के दक्षिणी क्षेत्र के बोरिंग फेल होने लगे हैं। भूजल का स्तर नीचे चले जाने से वार्ड 50 व 51 के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। वे बूंद-बूंद पानी को तरस गए हैं। कुछ लोग आस-पड़ोस के घरों पर तो कुछ दूर-दराज से पानी ढ़ोकर लाने को मजबूर हैं।

वार्ड 41 स्थित राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी परिसर की बोरिंग से पानी के बजाय बालू और कंकड़ निकलने लगा है। एक साल पहले गड़ी मानिकपुर की डीप बोरिंग भी ठप हो गई है।

महादेव पोखर की बोरिंग से भी कीचड़ निकल रहा है। जिला प्रशासन के समर प्लान बनाने के निर्देश का पालन नहीं करने के कारण 30 हजार से अधिक लोगों के बीच जल संकट गहरा गया है। हालांकि निगम की ओर से मोटर पंप, स्विच व तार आदि उपकरणों की खरीदारी कर स्टाक में रखने के दावे किए जा रहे हैं।

टैंकर आते ही होने लगती है मारामारी

वार्ड 41 के दर्जन भर मोहल्ले की करीब 15 हजार आबादी को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है। राधा कृष्ण प्राचीन ठाकुरबाड़ी की बोरिंग 29 मार्च से ही खराब है।

इस बोरिंग से हुसैनाबाद, अंबई मार्ग, कसाई टोला से लेकर गुड़हट्टा चौक, मारूफचक से एतवारी हाट तक के लोगों को जलापूर्ति की जाती थी।

पेयजल संकट को दूर करने के लिए निगम की ओर से प्रतिदिन दो टैंकर पानी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, पर इतना पानी पूरी आबादी की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

घनी आबादी होने के कारण यहां छह टैंकर पानी की आवश्यकता है। टैंकर आते ही वहां पानी लेने के लिए लोगों के बीच मारा-मारी की स्थिति बन जाती है।

अधिकारियों को आवेदन देते फिर रहे स्थानीय

स्थानीय पिंटू यादव ने बताया कि बोरिंग से बालू, कीचड़ व कंकड़ निकल रहे हैं। बोरवेल की केसीन पाइप फट जाने से यह समस्या उत्पन्न हुई है। समस्या के निदान के लिए स्थानीय लोगों की ओर से डीएम, नगर आयुक्त व मेयर को आवेदन दिये गए हैं।

बुधवार को जलकल शाखा प्रभारी ने वहां के लोगों को कंप्रेशर मशाीन लगाकर बोरवेल की सफाई कराकर समस्या समाधान कराने का आश्वासन दिया है।

बोरिंग से पानी से अधिक मिट्टी निकल रही 

इधर, महादेव तालाब की डीप बोरिंग में भी ऐसी ही समस्या है। वहां के लोगों का कहना है कि इसके कारण यह बोरिंग कब बंद हो जाए, यह कहना मुश्किल है। इस बोरिंग में पानी से अधिक मिट्टी निकल रही है।

क्या कहते हैं पार्षद प्रतिनिधि ?

पार्षद प्रतिनिधि शशि मोदी ने बताया कि निगम से शिकायत करने के बाद तकनीकी टीम निगम से भेजी गई थी। टीम ने नए बोरवेल का सुझाव दिया है। अब यहां नई बोरिंग लगाने के लिए बोर्ड व सशक्त स्थाई समिति में प्रस्ताव पारित कराए जाएंगे।

लोगों में नगर निगम के खिलाफ आक्रोश

वहां के कई लोगों ने आरोप लगाया कि गर्मी में पेयजल की समस्या उत्पन्न होने से अवगत रहने के बावजूद नगर निगम समय पर इनका समाधान कर समस्याग्रस्त वार्डों में पेयजल आपूर्ति मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। लचर कार्य प्रणाली को लेकर उनमें आक्रोश व्याप्त है।

दो किमी से पानी ढोने को मजबूर हैं लोग

पेयजल आपूर्ति बंद होने से लोगों को एक दो किलोमीटर दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। मजदूर वर्ग के लोगों को शुद्ध पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। निगम को लोगों की परेशानी से कोई खास मतलब नहीं है। जल संकट के लिए स्थाई निदान की जगह ऐन नवरात्र व ईद के दौरान टैंकर से पानी की आधी-अधूरी वैकल्पिक व्यवस्था कर लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया।

क्या कहते हैं नगर निगम के अधिकारी?

वार्ड 41 में कंप्रेसर मशीन भेजी गई है। गुरुवार की सुबह बोरवेल की सफाई कराई जाएगी। अगर सफलता मिली तो ठीक, अन्यथा नई बोरिंग करवाने की जरूरत पड़ेगी। महादेव तालाब का बोरिंग भी फेल होने के कगार पर पहुंच चुका है। - जय प्रकाश यादव, जलकल शाखा प्रभारी, नगर निगम

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