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बिहार: 8 महीनों में 8 मुखिया का मर्डर, पटना, जमुई, मुंगेर के बाद सहरसा...और कितने?

बिहार में सितंबर से अबतक आठ मुखिया की हत्या हो चुकी है। सहरसा में शुक्रवार को मुखिया की हत्या के बाद सनसनी का माहौल है। वहीं लोगों ने सड़क जाम कर दी है। जनप्रतिनिधि शोक संवेदना व्यक्त करने मृतक मुखिया के घर पहुंच रहे हैं। उधर लोगों में आक्रोश व्याप्त...

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 07:07 PM (IST)
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बिहार के पटना में दो हत्या, मुंगेर, भोजपुर, भागलपुर, गोपालगंज, जमुई और सहरसा में हुए मर्डर।

आनलाइन डेस्क, भागलपुर: बिहार - शुक्रवार की शाम खबर आई कि सहरसा में मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुखिया की हत्या का ग्राफ बिहार में पंचायत चुनाव के बाद तेजी से बढ़ा। इस फेहरिस्त में सिर्फ मुखिया ही नहीं, बल्कि अन्य पंचायत प्रतिनिधि और वार्ड मेंबर भी हैं। मर्डर के आंकड़े चौंकाने वाले हैं, जो बता रहे हैं कि बिहार में हर महीने एक मुखिया को मौत के घाट उतारा जा रहा है।

पंचायत चुनाव के रिजल्ट के बाद मुंगरे के नक्सल प्रभावित धरहरा प्रखंड के अजिमगंज पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया परमानंद टुड्डू की हत्या का मामला हो या गोपालगंज जिले के थावे थाना क्षेत्र की धतीवना पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया सुखल मुसहर की हत्या। सभी मामलों ने सनसनी ला दी। पटना में भी ऐसे ही मुखिया की हत्या कर दी गई थी। पटना के पंडारक पूर्वी से जीते मुखिया प्रियरंजन कुमार उर्फ गोरेलाल को गोली मार दी गयी थी। वहीं पटना के ही फुलवारीशरीफ प्रखंड स्थित रामपुर फरीदपुर पंचायत के मुखिया नीरज कुमार की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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जमुई के अलीगंज प्रखंड अंतर्गत दरखा पंचायत के मुखिया जयप्रकाश प्रसाद उर्फ प्रकाश महतो को दिसंबर में मार दिया गया। भोजपुर जिले के चरपोखरी प्रखंड की बाबूबांध पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया संजय सिंह को एंबुलेंस में सवार अपराधियों ने गोलियों से भून दिया। यही नहीं, हाल ही में भागलपुर की कुमैठा पंचायत की मुखिया अनीता देवी को बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया और उनके शव को फांसी के फंदे से लटका इसे सुसाइड केस बनाना चाहा।

आठ महीनों में आठ मुखिया की हत्याएं

  • मुंगेर में परमानंद टुड्डू की गोली मारकर हत्या।
  • जमुई में जयप्रकाश प्रसाद उर्फ प्रकाश महतो की हत्या।
  • पटना में प्रियरंजन कुमार उर्फ गोरेलाल की हत्या।
  • पटना में ही नीरज कुमार की हत्या।
  • भोजपुर में संजय सिंह की हत्या।
  • गोपालगंज में सुखल मुसहर की हत्या।
  • भागलपुर में अनीता देवी की हत्या।
  • अब सहरसा में रंजीत साह की हत्या।

मुखिया की हत्या से मर्माहत हैं जनप्रतिनिधि

हाल के एक दशक में सौरबाजार प्रखंड में किसी जनप्रतिनिधि की हत्या नहीं हुई। मुखिया रंजीत साह हत्या के बाद बैजनाथपुर में तनाव व्याप्त है। वहीं घटनास्थल पर जनप्रतिनिधियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। मौके पर मौजूद पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि घटना निंदनीय व चिंतनीय है। जनप्रतिनिधियों की हत्या लोकतंत्र की हत्या है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना में संलिप्त बदताशों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए और इस कांड की स्पीडी ट्राइल हो।

वहीं युवा राजद के जिलाध्यक्ष भारत यादव ने कहा कि हत्या में शामिल बदमाशों की गिरफ्तारी होनी चाहिए और उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। वहीं जदयू नेता अमर यादव ने कहा कि हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी हो। मौके पर राजद के सुमन सिंह, मनीष यादव, चंदौर पंचायत के प्रतिनिधि संतोष यादव, बैजनाथपुर पंचायत के मुखिया चंदन मेहता, गम्हरिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विपिन पासवान आदि मौजूद थे।

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