उद्यम-उपक्रम के लिए वरदान बनते हुए यह अब चार राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के स्टार्टअप को तराश कर उन्हें छोटे-बड़े उद्योग का रूप देगा।केंद्र सरकार ने बीएयू में कार्य कर रहे सब एग्रीस को पूर्वी जोन का प्रामिनेंट एग्रीकल्चर इनक्यूबेशन सेंटर बनाने की स्वीकृति दी है।
आने वाले दिनों में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर इसकी खास पहचान होगी। यहां उद्यम सोच के विद्यार्थियों के लिए एक नई स्कीम भी लांच की गई है।इसके तहत जिन छात्र-छात्राओं में स्टार्टअप की सोच उभरी है, उनके स्टार्टअप को इनक्यूबेट कर चार लाख का शुरुआती अनुदान दिया जाएगा।
इससे पहले यहां ट्रेंड नवाचारों को 5 से 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देकर नए-नए उद्यम स्थापित किए जा रहे हैं।
बीएयू सबौर का भवन।
पूर्वी जोन पर खास फोकस
केंद्र की योजना के तहत अब यहां चार राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के ऐसे व्यक्ति या संगठन जिनके पास नवाचार का गुणवत्तापूर्ण स्टार्टअप हो उनका चयन किया जाएगा।इसके बाद बेहतर प्रशिक्षण देकर उनमें उद्यमी बनने का सर्वांगीण गुण विकसित किया जाएगा। साथ ही उनके स्टार्टअप में विशेषज्ञों की राय को समाहित कर छोटे-बड़े उद्योग का रूप दिया जाएगा।
मानक पर खरे उतरने वाले ऐसे स्टार्टअप को केंद्र सरकार से बतौर अनुदान 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। जब तक उद्योग सही तरीके से विकसित नहीं हो जाए, तब तक इनक्यूबेशन सेंटर के विशेषज्ञ इसकी मानीटरिंग करेंगे।
देश-राज्य की समृद्धि में दे रहा योगदान
इस केंद्र में अलग-अलग कार्य क्षेत्र में अब तक 97 स्टार्टअप इनक्यूबेट (ट्रेंड) किए गए हैं। इनमें 51 स्टार्टअप को आर्थिक सहयोग के तौर पर 6.3 करोड़ का अनुदान मिला है। जिससे इनका उद्यम रफ्तार पकड़ चुका है।
सभी 51 स्टार्टअप ने इस जोन में तकरीबन 15 हजार से ज्यादा किसानों को लाभान्वित किया है। इनमें तकनीक, यांत्रिकी, केमिकल फर्टिलाइजर, लेबर कास्ट रिड्यूस, वेस्ट यूज करके खेती की लागत में कमी, किसानों के उत्पाद को वैल्यू एडिशन किया गया। जिससे किसानों को अपने उत्पाद का अधिक आय प्राप्त हुआ है।
पांच विजन पर काम करता है इनक्यूबेशन सेंटर
संस्थान के अनुसंधान निदेशक डा. अनिल कुमार सिंह कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का इनक्यूबेशन सेंटर बनाने की पहल आरंभ कर दी गई है। कई संस्थाओं से एमओयू पाइप लाइन में है।
संस्थाओं के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेक्निकल लैब की स्थापना की जा रही है, ताकि स्टार्टअप को अच्छा माहौल और बेहतर नेटवर्किंग दे सकें।नई टेक्नोलाजिकल सपोर्ट के प्रयास भी किए जा रहे हैं। सब एग्रीस के प्रबंधक अशोक जायसवाल ने बताया कि इस केंद्र के पांच स्तंभ हैं, जो पांच एफ से जुड़े हैं। फूड, कैटल फीड, फैब्रिक मतलब कपड़ा, फ्यूल मतलब ऊर्जा, फैकेड मतलब घर। कुल मिलाकर यूं कहें कि रोटी, कपड़ा, मकान, ऊर्जा और पशु चारा इनक्यूबेटर सेंटर के पांच विजन है।
बीएयू के कुलपति डॉ. दुनियाराम सिंह को मोमेंटो देते अनुसंधान निदेशक डॉ. एके सिंह।
बिहार सरकार भी दे रही 10 लाख का ब्याजमुक्त कर्ज
पीआरओ डा. राजेश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार से 4 अक्टूबर 2023 को बीएयू का एक एमओयू हुआ है। जिसमें बिहार में रहने वालों के लिए एग्रीकल्चर के अतिरिक्त विभिन्न कार्य क्षेत्र में स्टार्टअप को ट्रेंड किया जाएगा।
अबतक इसमें 34 स्टार्टअप इंडोर्स हुए हैं। इस स्कीम में बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक स्टार्टअप को 10 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाता है। इसके लिए 3.4 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।केंद्र को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हाल ही में चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, पटना के साथ भी एमओयू किया गया है। दोनों मिलकर बिहार के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एंपावर करने के प्रयास में लगे हैं।
बीएयू का सब एग्रीस लगातार बेहतर परिणाम की बदौलत चार राज्यों का लीड इनक्यूबेशन सेंटर बनने जा रहा है। यह पूर्वी भारत के स्टार्टअप को तरास कर उद्यमी बनाने का मुख्य केंद्र होगा। डा. डीआर सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर, भागलपुर
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