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AI in Agriculture: बिहार में एआई से होगी खेती, BAU बना रहा मास्टरप्लान; क्रियान्वयन के लिए गोद लेगा गांव

आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस तकनीक की हर क्षेत्र में उपयोगिता को देखते बिहार कृषि विश्वविद्यालय कृषि में इसका उपयोग करने की योजना बना रहा है। इससे निकट भविष्य में बिहार की किसानी उच्च स्तरीय तकनीक से लैस होगी। एआई उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर यहां के किसान कम समय कम जमीन और कम खर्च में गुणवत्ता युक्त बेहतर उत्पादन हासिल कर सकेंगे।

By Hirshikesh Tiwari Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 10 Apr 2024 04:57 PM (IST)
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बिहार में होगी एआइ तकनीक से खेती, बीएयू लेगा गांव को गोद। (सांकेतिक फोटो)
संवाद सहयोगी, भागलपुर। आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक की हर क्षेत्र में उपयोगिता को देखते बिहार कृषि विश्वविद्यालय(बीएयू) सबौर खेतीबारी में इसका उपयोग करने की योजना बना रहा है। इससे निकट भविष्य में बिहार की किसानी उच्च स्तरीय तकनीक से लैस होगी।

एआइ उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर यहां के किसान कम समय, कम जमीन और कम खर्च में गुणवत्ता युक्त बेहतर उत्पादन हासिल कर सकेंगे।

उन्हें मौसम, मिट्टी, जलवायु और भौगोलिक स्थिति की सटिक जानकारी मिलेगी। इससे किसानों का नुकसान कम होगा और लाभ ज्यादा। फलत: किसान समृद्ध बनेंगे। इसका खुलासा बीएयू के कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान किया है।

कुलपति पटना में प्रगत संगणन (सी-डीएसी) के 37वें स्थापना दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उसका विषय-नागरिक -केंद्रित सेवाओं और अर्थव्यवस्था में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की भूमिका था। उन्होंने कहा कि इस पर सी-डेक पटना और बीएयू संयुक्त रूप से काम करेगा।

एआइ के माध्यम से सभी जीआइ टैग उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। बहुत जल्द एक गांव को गोद लेकर वहां के कृषि में एआइ आधारित तकनीक का प्रत्यक्षण किया जायेगा।

प्रोजेक्ट को सफलता पूर्वक लांच करने के बाद निकल भविष्य में राज्य के अन्य गावों को भी गोद लेकर वहां एआइ आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा। किसान स्मार्ट तरीके से खेती कर ज्यादा उपज ले सकेंगे।

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