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मऊ आइमा का तस्कर मुहैया कराता रहा है एके-47 के कारतूस

सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो, जबलपुर से एके-47 की चोरी और उसका मुंगेर पहुंचना अवैध हथियार के धंधे से नाता रखने वाले जरायम पेशेवरों के काले रिश्ते को सामने ला दिया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Updated: Fri, 05 Oct 2018 11:19 PM (IST)
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मऊ आइमा का तस्कर मुहैया कराता रहा है एके-47 के कारतूस

भागलपुर (कौशल किशोर मिश्र)। सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो, जबलपुर से एके-47 की चोरी और उसका मुंगेर पहुंचना अवैध हथियार के धंधे से नाता रखने वाले जरायम पेशेवरों के काले रिश्ते को सामने ला दिया है। कहा जा रहा है कि एके-47 खरीदने वाले नक्सली, माफिया, उग्रवादी संगठनों को बरदह गांव से ही उसके कारतूस मुहैया कराने के लिए भी तगड़ी व्यवस्था संचालित होती रही है। इलाहाबाद-प्रतापगढ़ सीमा क्षेत्र के मऊ आइमा का तस्कर अनवर खान और उसके कैरियर एके-47 के कारतूस मुहैया कराते हैं। जरायम दुनियां से छनकर बाहर आने वाली चर्चाओं पर यकीन करें तो अनवर का जौनपुरी बिरादरी से नजदीकी ताल्लुकात रही है। हथियार तस्करी की दुनियां का घाघ बनने के पूर्व अनवर इलाहाबाद पश्चिमी क्षेत्र के एक बाहुबली नेता का शागिर्द हुआ करता था। लेकिन जौनपुरी बिरादरी के एक सहयोगी के जरिए वह हथियार तस्करी में गहरी पैठ जमा ली।

भागलपुर के कजरैली क्षेत्र में एक जौनपुरी बिरादरी के व्यक्ति के यहां उसकी आवाजाही हुई और फिर उसका नाता मुंगेर के बरदह गांव से जुड़ गया। जैसी चर्चा है कि अनवर खान और उसके कैरियर के जरिए ही मुंगेर में एके-47 के कारतूस बड़े पैमाने पर आने लगे। अनवर का जुड़ाव धीरे-धीरे बिहार के खगडिय़ा, सहरसा, नवगछिया और पूर्णिया के अलावा सीमांचल के अररिया, किशनगंज, फारबिसगंज के जरायम पेशेवरों से हो गई। तब से घातक एके-47 राइफल की कारतूस तस्करी के जरिए अनवर और उसके कैरियर ही कराते आ रहे हैं। हथियार तस्करों के इस तगड़े सिंडिकेट की परत दर परत बरदह गांव में लगातार हो रही दबिश से धीरे-धीरे खुलने लगी है। स्थानीय स्तर पर मुंगेर जिले की पुलिस कभी बरदह गांव में राइफल, बंदूक, कारबाइन, कट्टे की बरामदगी को लेकर ही दबिश दिया करती थी। अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी की बात सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में है। माफिया, नक्सली और उग्रवादी संगठनों के हथियार तस्करों से तगड़ी सांठगांठ को लेकर बड़े ऑपरेशन की तैयारी कर रही है। अब तक मुंगेर के वरदह गांव से जुड़े हथियार तस्करों की भागलपुर के नवगछिया, खगडिय़ा, सहरसा, पूर्णिया, बेगूसराय, मोकामा के अलावा सीमांचल के अररिया, किशनगंज, फारबिसगंज, झारखंड के धनबाद, जमशेदपुर के जरायम पेशेवरों तक ही जुड़ाव होने की बात सामने आती रही थी।