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Anant Chaturdashi 2022: बन रहा सुकर्मा योग और रवि योग का संयोग, भागलपुर के इस मंदिर में विराजेंगे भगवान अनंत

Anant Chaturdashi 2022 अनंत चतुर्दशी को दो विशेष योग एक साथ बन रहे हैं। भागलपुर में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। महावीर मंदिर तिलकामांझी में भगवान अनंत विराजमान होंगे। जानिए अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त और पूजा का समय।

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 10:33 PM (IST)
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Anant Chaturdashi 2022- भागलपुर में पर्व को लेकर उत्साह।
संवाद सहयोगी,भागलपुर: अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2022) का व्रत शुक्रवार को है। इस पुनीत पर्व एवं पूजन को हर्षोल्लास के साथ महावीर मंदिर तिलकामांझी के प्रांगण में मनाया जाएगा। मंदिर में श्री अनंत भगवान का प्रतिमा स्थापित कर सविधि पूजन किया जाता है। 14 गांठ वाले डोरा को पुरुष दाहिने हाथ एवं महिलाएं बाएं हाथ में धारण करेंगी। इस दिन श्री विष्णु भगवान का अनंत रूप में पूजन किया जाता है।

इस पूजन में श्री अनंत भगवान को पंचामृत से स्नान कराकर सविधि पूजन किया जाता है। उसी पंचामृत में 14 गांठ वाला डोरा को डूबा कर पांच बार घुमाया जाता है उसके बाद उसे धारण किया जाता है। माना जाता है की जब पांडव धृतकीड़ा में सारा राज्य पाट खो जाने के बाद वन में जाकर कष्ट भोग रहे थे तो कृष्ण भगवान उन लोगों को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दिया था। अनंत चतुर्दशी को धूम धाम से मनाने के लिए मंदिर के संरक्षक साधु शरणजी, अध्यक्ष विजय कुमार साह, मंदिर के पुजारी प्रह्लाद झा, गौतम झा, आनंद झा एवं समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता गण सराहनिय योगदान कर रहे हैं।

गणेश उत्सव के बाद अनंत चतुर्दशी

10 दिवसीय गणेश उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। इस बार अनंत चतुर्दशी पर्व 9 सितंबर को पड़ रहा है। इस दिन भगवान श्री हरि के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इसके साथ ही, इस दिन भगवान गणेश जी को विदा किया जाता है। 

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त 2022

  • चतुर्दशी तिथि: आरंभ 8 सितंबर 2022 शाम नौ बजकर एक मिनट 
  • समापन: 9 सितंबर 2022, शाम 06 बजकर 07 मिनट।
  • उदयातिथि के अनुसार: चतुर्दशी तिथि 9 सितंबर को मनाई जाएगी
  • पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह: 06 बजकर 10 मिनट से से  06 बजकर 07 मिनट तक
  • अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा की अवधि: 11 घंटे और 58 मिनट
  • चतुर्दशी को सुकर्मा योग और रवि योग का संयोग बन रहा है।
  • शुभ कार्यों के लिए सुकर्मा योग श्रेष्छ होता है। काम में सफलता प्राप्त होती है।
  • रवि योग में की गई पूजा से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है।
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