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बजट में कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन परियोजना को पूरा करने की हो व्यवस्था, लोगों की बढ़ी उम्‍मीद

कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन को लेकर पूर्णियां के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यहां के लोग बजट की घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं। बता देना आवश्यक है कि सबसे पिछड़े क्षेत्र में विकास के लिए पूर्व रेल मंत्री स्व ललित नारायण मिश्र द्वारा यह प्रोजेक्ट पेश किया गया था।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 11 Jan 2021 02:13 PM (IST)
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ललित नारायण मिश्र जिंदा होते तो शायद इस क्षेत्र का नजारा कुछ और होता

जागरण संवाददाता, पूर्णिया । बजट सत्र आने की खबर से ही यहां के लोगों में एकबार फिर कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन को लेकर उम्मीदें बंध गई हैं तथा बजट की घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं। यह बता देना आवश्यक है कि सबसे पिछड़े क्षेत्र में विकास के लिए पूर्व रेल मंत्री स्व ललित नारायण मिश्र द्वारा प्रोजेक्ट पेश किया गया था। उन्होंने इस क्षेत्र में रेलवे लाइन बिछाकर विकास का सपना देखा था जो आज तक अधूरा है। यहां के लोगों को आज भी टीस है कि अगर आज ललित नारायण मिश्र जिंदा होते तो शायद इस क्षेत्र का नजारा कुछ और होता।

बिहार का सबसे पिछड़ा कहा जाने वाला क्षेत्र मधेपुरा का उदाकिशुनगंज अनुमंडल, पूर्णिया का धमदाहा अनुमंडल परिक्षेत्र एवं कटिहार का कुरसेला परिक्षेत्र में यातायात दुरूह बना हुआ है। स्व. मिश्र की परिकल्पना थी कि अगर कुरसेला बिहारीगंज रेलवे लाईन बन जाता है तो इस क्षेत्र का समुचित विकास होगा तथा पूरा सीमांचल रेलवे से जुड़ जाएगा। साथ ही प्रतिवर्ष आनेवाली बाढ़ की विभिषिका झेलने वाले लोगों के लिए भी संजीवनी साबित होगा। जब लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री बने तो वर्ष 2008 के अगस्त से इस परियोजना के निर्माण की दिशा में कार्य आरंभ हुआ। कुरसेला से बिहारीगंज तक सर्वे हुआ तथा जगह-जगह लगभग सौ-सौ मीटर पर रेलवे लाईन के लिए झंडे गाड़े गये। मौखिक रूप से लोगों को कहा भी गया कि जिन-जिन किसानों की जमीन इस रेलवे लाईन में पड़ रही है, उन्हें मुआवजा मिलेगा।

क्‍या कहते हैं त्रिस्‍तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधि

लालू प्रसाद ने किया था परियोजना का शिलान्‍यास

लालू प्रसाद यादव ने 7 फरवरी 2009 को महती भीड वाली सभा के बीच इस रेलवे परियोजना का शिलान्यास रूपौली में किया। लेकिन आज तक उस पर काम शुरू नहीं हो पाया। लालू यादव से पहले रामविलास पासवान भी जब रेलमंत्री बने थे तब उन्होंने कुरसेला में 1999 में ठीक लालू यादव की तरह इस परियोजना के सर्वे का शिलान्यास करने पहुंचे थे। लेकिन आज भी रूपौली सहित धमदाहा एवं मधेपुरा के उदाकिशुनगंज अनुमंडल तथा कटिहार जिले का पश्चिमी भाग के लोग ट्रेन पकडऩे कुरसेला रेलवे स्टेशन पर ही आने को मजबूर हैं। अगर यह रेलवे लाईन बन जाता तो निश्चित ही यह इस क्षेत्र की हर्ट लाईन साबित होता।

क्रांति देवी, जिप अध्यक्ष सह जिप सदस्य, रूपौली विधानसभा ।

यह बिहार का दुर्भाग्य है कि कुरसेला-बिहारीगंज महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना को किसी ने आगे नहीं बढाया । जबकि इस पिछड़े इलाके के लिए यह काफी आवश्यक है। इस बजट में इसका प्रावधान जरूरी है।

सरकार इस परियोजना के लिए बजट में राशि आवंटित करे यही आशा है। ताकि विधानसभा क्षेत्र के लोगों का आवागमन सुलभ हो सके और क्षेत्र का समुचित विकास संभव हो सके।

शंकर सिंह , पूर्व विधायक रूपौली ।

क्षेत्र के लिए आवश्यक कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन का निर्माण जरूरी है। सरकार जल्द इस रेल परियोजना के लिए प्रयास करे तथा बजट में इसके लिए राशि उपलब्ध कराए, ताकि इस बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को एक नया आयाम मिल सकेगा।

रेखा देवी, प्रमुख, रूपौली

बिहार से लगातार तीन-तीन रेल मंत्री बने परंतु कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। वे लोग इसी बहाने वोट की राजनीति करते रहे। लेकिन वर्तमान सरकार से उम्मीद है कि वे इस बजट में उक्त परियोजना के लिए धन की व्यवस्था करेगी।

राजेश तिवारी, पंचायत समिति सदस्य

सरकार को चाहिए कि ललित नारायण मिश्र के सपनों को पूरा करे। बजट में कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाईन बनाने के लिए संकल्प दिखाए तभी इस क्षेत्र का विकास संभव हो पाएगा।

शमशेर बहादूर सिंह , सामाजिक कार्यकर्ता, रूपौली

आज भी समुचित रूप से मधेपुरा से रूपौली नहीं जुड़ पाया है। जिससे विकास अवरूद्ध है, यह रेल परियोजना क्षेत्र में यातायात का नया द्वार खोलेगा। इसका निर्माण जरूरी है।

उषा देवी, सरपंच कोयली सिमड़ा पूरब

केंद्र सरकार से अपेक्षा है कि वह इस रेल परियोजना को साकार रूप देगी। उक्त रेलवे लाइन को पूरा कर यहां के लोगों की आकांक्षा को पूरा करेंगी। इस पिछड़े इलाके के लिए यह जरूरी परियोजना है।

अवधेश सरस्वती, पूर्व मुखिया सह वरिष्ठ सामाजिक कार्यकत्र्ता, रूपौली

काश कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाईन की शुरूआत इसी रेल बजट से हो पाती। कहा कि उनके पंचायत होकर की यह रेलवे लाईन गुजरनी है। उन्हें उम्मीद है कि इस बजट में उक्त रेलवे लाइन को पूरा करने का संकल्प होगा।

शांति देवी, मुखिया, धूसर टीकापट्टी

सड़क मार्ग चाहे जितना बन जाए, जबतक रेल नहीं चलती है, तबतक समुचित विकास की कल्पना बेमानी है । रेलवे रोजगार सृजन के साथ-साथ समुचित विकास का भी साधन है। इसलिए इस अति पिछड़े क्षेत्र में रेलवे के विकास की आवश्यकता है।

सुलोचना देवी, मुखिया, लक्ष्मीपुर छर्रापटी

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