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गर्भावस्था में जंक फूड से करें परहेज, नहीं तो होगी परेशानी: डा. सरिता

स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सरिता कुमारी ने कहा कि गर्भावस्‍था में महिलाओं को विशेष ध्‍यान देने की जरुरत है। उन्‍होंने जंक फूड खाने से बिल्‍कुल माना किया है। वे दैनिक जागरण कार्यालय में पाठकों के प्रश्‍नों का उत्‍तर प्रश्‍न प्रहर कार्यक्रम में दे रही थीं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 06:59 AM (IST)
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दैनिक जागरण के प्रश्‍न प्रहर काार्यक्रम में पाठकों के प्रश्‍नों का उत्‍तर देतीं डा सरिता कुमारी।
भागलपुर। रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में प्रश्न पहर का आयोजन किया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सरिता कुमारी पाठकों से मुखातिब हुई। उन्होंने फोन के माध्यम से पाठकों की समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए। क्योंकि जंक फूड को ताजा रखने के लिए रासायनिक तत्व मिलाएं जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस दौरान गैस्टिक की शिकायत भी ज्यादा होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वो पौस्टिक और सुपाच्य भोजन करें। तली हुई खाद्य सामग्री खाने से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं में लिकोरिया सामान्य बीमारी हो गई है। 14 वर्ष से लेकर माहवारी समाप्त होने के पहले कभी भी लिकोरिया हो सकता है। इससे सफेद पानी का श्राव होता है। लंबे समय तक इलाज नहीं करवाने की स्थिति में पेडू में दर्द या कैंसर भी हो सकता है।

प्राइवेट स्थान की सफाई नहीं रखने, गंदे स्थान में बैठकर पेशाब करने, माहवारी के समय एक ही कपड़े को धोकर उपयोग करने, सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं करने की वजह से लिकोरिया होता है। इसे दवा का सेवन कर समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लिए आसान उपाय है कापरटी लगवाना। जब भी संतान की इच्छा हो इसे हटा भी सकते हैं। दवा के सेवन में यह रिस्क रहता है कि कभी दवा खाना भूल गए। इसके अलावा इसके साइड प्रभाव भी होते हैं।

पत्नी छह माह की गर्भवती भी है। सफेद पानी भी गिरता है। - तारिणी प्रसाद, भागलपुर

गर्भावस्था के दौरान लिकोरिया होना कोई बड़ी समस्या नहीं है। इससे घबड़ाने की जरुरत नहीं है। सफाई रखें और चिकित्सक से इलाज करवा लें। दवा से ठीक हो जाएगा।

माहवारी के समय पेट में दर्द होता है। - सुधा कुमारी, पीरपैंती

यह सामान्य प्रक्रिया है। भले ही मनोवैज्ञानिक परेशानी होती है लेकिन यह कोई बीमारी नहीं है। गर्भावस्था के दौरान तनाव की वजह से भी पेट में और सिर में भी दर्द भी होता है।

चार माह की गर्भवती हूं। गैस्टिक से परेशान हूं। भोजन करने के बाद पेट भारी लगता है और गैस हो जाता है। - शांति देवी, मिरजानहाट

गर्भावस्था के दौरान गर्भाश्य का साइज बढ़ता है। इससे आर्गन पर दबाव पड़ने से गैस्टिक होने की संभावना रहती है। घी, तेल, तली हुई खाद्य सामग्री नहीं खाएं। थोड़ा-थोड़ा सुपाच्य भोजन करें। फल भी खाएं।

मेरे दो बच्चे हैं। परिवार नियोजन के लिए कौन सा उपाय सुरक्षित और आसान है। - नेहा शर्मा, कहलगांव

कापरटी परिवार नियोजन के लिए सुरक्षित और आसान उपाय है। तीन वर्ष के लिए कापरटी लगाई जाती है। प्रत्येक छह माह के अंतराल में चेक भी करवाना चाहिए। की फिट बैठा है या नहीं। जब बच्चे की जरुरुत हो तो इसे आप निकलवा भी सकते हैं। दवा का सेवन भी परिवार नियोजन का उपाय है। अगर दवा खानी भूल गई तो गर्भ ठहरने की संभावना रहती है। साथ ही दवा का साइड प्रभाव भी है।

छह माह की गर्भवती हूं। रुक-रुक कर खून गिरता है। - सुनीता साह, तिलकामांझी

अगर 20 सप्ताह गर्भ ठहरने के बाद रक्त गिरता है तो चिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए। इससे जानकारी मिलेगी की रक्त श्राव क्यों हो रहा है।

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