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Baba Hansraj Raghuwanshi : महादेव की कृपा से कैंटीन में काम करने वाला बन गया स्टार... हंसराज रघुवंशी ने खोला जटाओं का राज

Baba Hansraj Raghuwanshi मेरा भोला है भंडारी-करे नंदी की सवारी शंभुनाथ रे- ओ शंकरनाथ रे... ये गीत आज लगभग हर भोले भक्त की जुबां पर है। इस गीत को गाने वाले बाबा हंसराज रघुवंशी ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की। उन्होंने अपनी लोकप्रियता को महादेव की कृपा बताया।

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 06:44 PM (IST)
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Baba Hansraj Raghuwanshi - भागलपुर पहुंचे मशहूर गायक हंसराज रघुवंशी।
बलराम मिश्र, भागलपुर : आज देश में युवाओं के बीच बड़ी जटाओं, महादेव के अलग-अलग टैटू और भोले के भक्ति में झूमते हुए बाबा हंसराज रघुवंशी (Baba Hansraj Raghuwanshi) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। बाबा भोलेनाथ के प्रति उनका क्रेज हर वर्ग के साथ युवाओं मेें काफी है। गुरूवार को वे सुल्तानगंज में आयोजित होने वाले भक्ति जागरण में हिस्सा लेने के लिए भागलपुर पहुंचे हैं। यहां जागरण से मुखातिब होते हुए उन्होंने अपनी लाइफ के कई अनछुए पहलुओं का जिक्र किया।

स्थानीय होटल में बातचीत करते हुए हंसराज ने बताया कि वे मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के सोलन, अर्की, मांगल गांव के रहने वाले हैं। हंसराज की प्राथमिक शिक्षा हिमाचल में हुई। इसके बाद वे बीकाम के लिए एमएलएसएम कालेज, सुंदरनगर मंडी में दाखिला ले लिया। हंसराज रघुवंशी ने बताया कि पढ़ाई में मन नहीं लगा, तो चार बार एक ही कक्षा में फेल हो गए, लेकिन गाने के शौक के कारण पैसों की जरूरत थी। घर की माली हालत ठीक नहीं थी। इस कारण, जिस कालेज में नामांकन था। उसी कालेज के कैंटीन में काम शुरू कर दिया।

  • पैसों के लिए कैंटीन में किया काम, अब करोड़ों युवाओं की धड़कन
  • - प्रकृति और देव भूमि में वीडियो शूट करना महादेव का कराता है एहसास
  • - हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के हैं मूल निवासी
'मेरा भोला है भंडारी से मिली पहचान'

रघुवंशी ने कुछ दिन मजदूरी करते हुए हिमाचल में ही पहला गाना 'बाबा जी' बोल से कंपोज कराया। उसे यूटयूब पर डाला। इसके बाद 2018 तक कई गानों को गया। फिर 2019 में 'मेरा भोले है भंडारी, करे नंदी की सवारी' गाना आया। जो काफी चर्चित हुआ। इसके बाद से अब तक 50 से ज्यादा गानों को गाया है।

प्रकृति कराती है भोले का एहसास

अक्सर प्राकृति के बीच ही अपना गाना कंपोज कराने के बारे में फेमस गायक रघुवंशी ने बताया कि इससे उन्हें भोले का एहसास होता है। आर्टिफिशियल सेट पर तो हर जगह काम होता, प्रकृति के बीच सूट कराने का अलग ही एहसास होता है।

आंखों में आ जाते है आंसू

मेरे जितने भी गानों आए हैं, उसमें भोले का भाव होता है। उन गानों को सूट करते समय एक अलग ही एहसास होता है। जिसे बताना मुश्किल होता है। उस समय भोले में इतना लीन हो जाते हैं कि आंखों से भावुक होकर आंसू आ जाते हैं। तब रोम-रोम भोले के एहसास से भरा होता है।

शुद्ध शाकाहारी हूं, नहीं करता पार्टी

अपने जीवन शैली के बारे में बाबा हंसराज रघुवंशी ने बताया कि वे पूरी तरह वैष्णव हैं। शाकाहारी होने के साथ किसी तरह का नशा नहीं करते हैं। यही नहीं वे घर के अलावा किसी अन्य पार्टी, क्लब आदि में भी नहीं जाते हैं।

पहले गाने से ही रखना शुरू की जटा

अपनी जटाओं के बारे में बताया कि यूं तो बचपन से ही भोले का भक्त हूूं, लेकिन 2016 में पहले गाने के साथ ही बालों को बढ़ाना शुरू किया। अब वे जटा का रूप ले चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जीवन शैली उनकी सामान्य हैं, जिसमें दोस्तों का अहम रोल हे।

दो बालीवुड फिल्मों में आएंगे गाना

फिल्मों में गाने की बात पर रघुवंशी ने बताया कि उनके दो गाने बालीवुड फिल्मों में आ रहे हैं। इसमें 'ओह माइ गाड' और 'शिवरात्रि' का टाइटल ट्रैक सान्ग हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से विदेशों से आने वाले शो के आफर रद हो गए थे। अब फिर से वहां शो करने वाले हैं। बिहार दूसरी बार आया हूं। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। बाबा के प्रति उनकी आस्था भी देखते ही बनती है।

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