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Bhagalpur News: न पानी की व्यवस्था, न बैठने का इंतजाम; दिन-ब-दिन खस्ता हो रही शहर के चार बस स्टैंड की स्थिती

स्मार्ट सिटी भागलपुर के चारो बस स्टैंड अपनी बदहाली दूर करने की वाट जोह रहे हैं और इन बस स्टैंडों पर न तो प्यास बुझाने की व्यवस्था और न हीं यात्रियों के बैठने का इंतजाम। इस कारण तीखी धूप में दूर-दराज स्थानों से बस पकड़ने आ रहे यात्रियों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन चारों सरकारी बस स्टैंड पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

By Abhishek Prakash Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 01 Jun 2024 05:34 PM (IST)
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न पानी की व्यवस्था, न बैठने का इंतजाम (सांकेतिक तस्वीर)
अभिषेक प्रकाश, भागलपुर। स्मार्ट सिटी भागलपुर के चारो बस स्टैंड अपनी बदहाली दूर करने की वाट जोह रहे हैं। इन स्टैंडों पर न तो प्यास बुझाने की व्यवस्था और न हीं यात्रियों के बैठने का इंतजाम। लिहाजा, तीखी धूप में दूर-दराज से बस पकड़ने आने वाले यात्रियों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हाल फिलहाल रिक्शाडीह बस स्टैंड अस्ततित्व में आया, पर वहां भी यात्रियों की सुविधा के कोई इंतजाम नहीं हैं। यही वहज है कि यात्रियों के नहीं पहुंचने के कारण अब बस मालिकों ने भी वहां वाहन लगाना बंद कर दिया है।

यात्रियों के लिए नहीं है जरूरी सुविधाएं

सरकारी बस स्टैंड तिलकामांझी, जीरो माइल थाने के पास बना अस्थाई बस स्टैंड, कोयला डिपो स्थित प्राइवेट बस स्टैंड में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। कहीं स्वच्छ पानी नहीं है, तो कहीं शौचालय की व्यवस्था नहीं है।

बरसात और धूप में सिर छुपाने के भी इंजजाम नहीं हैं। जबकि तीनों जगहों पर रोजाना लाखों रुपए की कमाई होती है। प्रतिदिन 10,000 से अधिक यात्री यहां से सफर करते हैं। इसके बावजूद यात्रियों की चिंता करने वाला कोई नहीं है।

कुछ महीने पहले पूर्व से चयनित बस स्टैंड के लिए रिक्शा डीह में जो जमीन है, उसे पर जिला प्रशासन द्वारा अस्थाई तौर पर उसे विकसित किया जा रहा है। ताकि जब तक अच्छी बस स्टैंड ना बने तब तक यहां से बस का परिचालन हो और शहर को जाम से मुक्ति मिले।

कोयला डिपो

कोयला डिपो स्थित प्राइवेट बस स्टैंड रेलवे की जमीन पर बनी है। जिससे हर साल राजस्व के रूप में रेलवे को 8600000 रुपए से अधिक जाता है। इसके बावजूद भी इस बस स्टैंड पर यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है।

यात्री को पेशाब करने के लिए भी कहीं छूपना पड़ता है खासकर महिला यात्रियों के लिए भारी दिक्कत होती है। इसके अलावा यहां पर यात्री शेड भी नहीं है ताकि अगर बारिश या कड़ी धूप हो तो यात्री अपना सर छुपा सके।

वहीं बारिश होने के बाद इस बस स्टैंड की हालत पूरी तरह से दयनीय हो जाती है क्योंकि कीचड़ और पानी जमे रहने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कत होती है।

यात्री सुविधा को लेकर जब स्टैंड संचालक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधा का डेवलपमेंट रेलवे की ओर से करना है होना है।

हमारे द्वारा कई बार पत्र लिखा गया है इसके बावजूद भी अब तक यहां पर कोई निर्माण नहीं हुआ है। आपको बता दें 2022 में दो करोड़ 70 हजार में 3 साल के लिए टेंडर किया गया है।

जीरो माइल अस्थाई बस स्टैंड

जिला प्रशासन द्वारा जाम की समस्या को खत्म करने के लिए पिछले दिनों औद्योगिक प्रक्षेत्र थाने के पास बस स्टैंड बनाया गया। लेकिन वहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव ही रह गया। यहां से से रोजाना 80 से ज्यादा बसों से 6 हजार यात्री सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया जैसी जगहों के लिए जाते हैं। लेकिन ना तो उनके लिए अच्छा यात्री शेड की व्यवस्था है।

यहां पर यात्रियों को शौचालय और टॉयलेट जाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा चालकों को भी काफी परेशानी होती है।

गुरुवार की सुबह हुई बारिश के बाद वहां पर जल जमाव की स्थिति भी थी। भीषण गर्मी में लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि कम से कम वहां पर मूलभूत सुविधा यात्रियों को मिल सके।

सरकारी बस डिपो तिलकामांझी

तिलकामांझी सरकारी बस स्टैंड में शौचालय व पीने के पानी की सही व्यवस्था नहीं है। चारों ओर गड्ढे बने हैं जिसमें बरसात के समय में पानी बसते हैं। जिससे यात्रियों को चढ़ने उतरने में भी दिक्कत होती है। परिवहन निगम द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

जबकि परिवहन निगम की रोजाना की कमाई 40000 से अधिक है। यहां से पूर्णिया बेगूसराय बांका जमुई आदि के लिए रोजाना 2000 से अधिक यात्री सफर करते हैं।

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