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Bhagalpur Pollution: नोएडा को पछाड़ते हुए भागलपुर देश का सबसे प्रदूषित शहर, AQI 396 के पार; जहरीली हवा बिगाड़ रही तबीयत

Bhagalpur News भागलपुर देश का सबसे प्रदूषित शहर है। प्रदूषण के मामले में इसने नोएडा को भी पछाड़ दिया है। जहांं देश का औसत एक्यूआइ 163 और बिहार का 160 है वहीं भागलपुर का औसत एक्यूआइ 173 है। प्रदूषण का स्तर बरकरार रहने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। मरीजों की संख्‍या भी बढ़ने लगी है। चिकित्‍सकों ने एन95 मास्क लगाकर रहने की सलाह दी है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 02 Jan 2024 11:42 AM (IST)
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देश का सबसे प्रदूषित शहर भागलपुर है, जिसने नोएडा को भी पछाड़ दिया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। देश का सबसे प्रदूषित शहर भागलपुर है। देश का औसत एक्यूआइ 163 और बिहार का 160 है, लेकिन भागलपुर का औसत एक्यूआइ 173 है। पीएम 2.5 सांद्रता भागलपुर में 11.6 गुणे अधिक है। बरारी व मायागंज इलाके का एक्यूआइ 396 के पार पहुंच चुका है। सुबह की तुलना में दोपहर में एक्यूआइ काफी बढ़ जाता है।

बढ़ रही है भागलपुर के लोगों की परेशानी

प्रदूषण का स्तर बरकरार रहने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। टीवी के मरीज बढ़ रहे हैं। फेंफड़े का संक्रमण बढ़ रहा है। श्वांस जनित रोगी परेशान हो रहे हैं। देश का सबसे प्रदूषित शहर नोयडा है।

वहां का एक्यूआइ 368 है। वहीं भागलपुर के बरारी का एक्यूआइ 396 है। सोमवार को शाम छह बजे भागलपुर के अधिकांश क्षेत्रों का एक्यूआइ 234 था। पीएम 2.5 सांद्रता 174 व पीएम10 संद्रता 233 है। इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ रही है।

सेहत के लिए खतरनाक है भागलपुर की हवा

कचहरी चौक की बात करें तो दिन में यहां एक्यूआइ तीन सौ से अधिक था, लेकिन शाम होते ही घटकर 275 हो गया। पीएम2.5 सांद्रता 225 व पीएम10 सांद्रता 275 है।

मायागंज में दिन में एक्यआइ 350 के करीब था, शाम में घटकर 279 हो गया। पीएम2.5 सांद्रता 229 व पीएम10 सांद्रता 293 है। इन दोनों इलाकों की हवा में धूल-कण की मात्रा काफी अधिक है। यह सेहत के लिए अच्छा नहीं है।

बच्‍चे, बुजुर्ग व मरीज घरों से न निकलें बाहर

श्वांस रोग विशेषज्ञ डा. आलोक कुमार सिंह का कहना है कि 50 एक्यूआइ तक अच्छा माना जाता है। 51 से 100 एक्यूआइ चेतावनी देने वाली है।

अगर किसी जगह की एक्यूआइ 101 से 150 के बीच रहे तो एहतियातन बच्चों, बुजुर्गों व सांस जनित बीमारियों के रोगियों को घर से नहीं निकलना चाहिए।

201 से ऊपर एक्यूआइ रहे तो अन्य लोगों को भी एक सीमा तक ही बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। लगातार प्रदूषण का स्तर खराब रहने की वजह से चिकित्सक मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं।

एन95 मास्क का लगातार करें इस्‍तेमाल

उनका कहना है कि एन95 मास्क लगाकर निकलने से प्रदूषण का प्रभाव कम होता है। संभव हो तो घर के अंदर रहना चाहिए। घर की खिड़कियों को बंद रखनी चाहिए। रूम के अंदर शोधक रखना चाहिए।

हवा में मौजूद पीएम2.5 व पीएम10 सांस के जरिये शरीर के अंदर चला जाता है। पीएम2.5 फेंफड़े में पहुंचकर उसमें सूजन पैदा करता है। क्रोनिक हृदय व फेफड़ों की बीमारी वाले वृद्ध, वयस्क, बच्चों व अस्थमा के रोगियों के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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