Bhagalpur पुल बना रही Singla ने पहले भी बिहार सरकार को लगाया चूना, पहली बारिश में धंसा 696 करोड़ का एप्रोच पथ
भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाली अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के ध्वस्त होने के बाद निर्माण स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है। दोनों छोर पर पुल का निर्माण बंद है। पंचकुला की एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के वरीय अधिकारी मौके से गायब हैं।
By Aditi ChoudharyEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Tue, 06 Jun 2023 12:14 PM (IST)
भागलपुर, जागरण संवाददाता। भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाली 1710 करोड़ की लागत से बन रही अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के ध्वस्त होने के बाद बिहार सरकार पुल के निर्माण में लगी एसपी सिंगला को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी में है।
हरियाणा के पंचकुला की कंपनी सिंगला को राज्य सरकार ने नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है। ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के बाद सिंगला को बिहार में किसी तरह की निविदा में शामिल होने से वंचित कर दिया जाएगा।
हालांकि, ऐसा पहले ही हो जाना चाहिए था क्योंकि बिहार सरकार के प्रोजेक्ट में सिंगला द्वारा गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है। सिंगला कंपनी बिहार सरकार के कई बड़े प्रोजेक्टों का निर्माण करा रही है। रविवार को जब अगुवानी-सुल्तानगंज पुल भरभराकर गंगा नदी में समाया तो बिहार सरकार की देशभर में जगहंसाई हो गई।
आठ साल से चल रहा था भागलपुर पुल का निर्माण
नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोज्क्ट कहे जाने वाले इस पुल की नींव साल 2014 में रखी गई थी। आठ साल बाद भी सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। पुल 2019 में ही बनकर तैयार होना था। बाद में डेडलाइन 31 दिसंबर, 2023 की दी गई थी। इस दौरान यह पुल कई बार ध्वस्त हुआ। फिर भी निर्माण कार्य जारी रखा और कपंनी बिहार सरकार से बेहिसाब पैसा एंठती रही।
वहीं, सहरसा को मिथिलांचल से जोड़ने वाली कोसी नदी पर निर्मित बलुआहा घाट महासेतु भी इसी कंपनी ने बनाया है, जिसका 17 सेगमेंट वाला 40वां स्पैन नदी में समा गया। 531 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस महासेतु का 50 मीटर लंबा व 15.5 मीटर चौड़ा हिस्सा नदी में गिर गया। इस हादसे में आधा दर्जन मजदूर भी जख्मी हुए थे।
मुंगेर में पहली वर्षा भी नहीं झेल सका एप्रोच पथ
वहीं, मुंगेर में गंगा पर 696 करोड़ की लागत से बने श्रीकृष्ण सेतु के एप्रोच पथ का निर्माण कार्य भी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन ने किया था, जो उद्घाटन के बाद पहली वर्षा में ही धंस गया। तब कंपनी ने ये कहा था कि केंद्रीय मंत्री ने पुल के उद्घाटन की तिथि घोषित कर दी थी।
इसको लेकर राज्य के तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन लगातार निरीक्षण कर रहे थे। ऐसे में कंपनी पर तय समय सीमा में कार्य पूरा करने का दबाव था। जल्दबाजी में किए गए कार्य की वजह से एप्रोच पथ उद्घाटन के एक महीने बाद ही धंस गया।
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