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कोरोना के खतरे को देखते हुए 12 मई तक न्यायिक कार्य स्थगित, रिमांड और रिलीज कार्य ही होंगे

Bhagalpur coronavirus update कोरोना के बढते प्रभाव के कारण अदालती कार्य प्रभावित हुआ है। जिला जज ने ने 26 अप्रैल से 12 मई तक व्यवहार न्यायालय भागलपुर नवगछिया और कहलगांव में होने वाली न्यायिक कार्यवाही स्थगित कर दिया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Mon, 26 Apr 2021 05:52 PM (IST)
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भागलपुर जिले में कोरोना के कारण अदालती कार्य रुका है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur coronavirus updat : कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला जज अरविंद कुमार पांडेय ने 26 अप्रैल से 12 मई तक व्यवहार न्यायालय भागलपुर, नवगछिया और कहलगांव में होने वाली न्यायिक कार्यवाही स्थगित कर दिया है। जिला जज ने इस बाबत आदेश जारी कर कहा है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए न्यायालयों में केवल रिमांड और रिलीज कार्य ही किये जाएंगे। उन्होंने उच्च न्यायालय पटना के निर्देश और व्यवहार न्यायालयों के जिला विधिज्ञ संघों और न्यायिक कर्मचारियों के संघ के अनुरोध को देखते हुए फैसला लिया है। जिला जज ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों को जिला मुख्यालय में रहने को कहा है। वो अपने आवास पर रहते हुए रिमांड और रिलीज कार्य मे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। नयसयिक कर्मचारियों को भी इस बाबत जरूरी निर्देश दिया गया है। उधर जिला विधिज्ञ संघ के निर्वाची पदाधिकारी दिनेश सिंह बबलू ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए डीबीए के चुनाव तैयारी में थोड़ी परेशानी सामने आ रही है लेकिन कोशिश होगी कि तय समय पर चुनाव कार्य करा लिए जाएं। इसको लेकर उन्होंने वरीय अधिवक्ताओं से राय भी मांगी है। उन्होंने अधिवक्ताओं को कोरोना गाइडलाइंस के अनुपालन करने का अनुरोध किया है।

भागलपुर, नवगछिया और कहलगांव व्यवहार न्यायालय में काम करने वाले न्यायिक कर्मचारियों ने अपने संघ बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ को समस्या से अवगत कराया है। संघ की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष रमाकांत और सचिव सुरेश कुमार सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय को एक अर्जी दी न्यायिक कर्मचारियों में कोरोना के संक्रमण की प्रबल सम्भावना को देखते हुए सहानुभूति पूर्वक फैसला लेने का अनुरोध किया है। सचिव सुरेश सिंहः ने बताया कि जिला जज को दिए गए आवेदन में यह उल्लेख किया है कि न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायिक कर्मचारियों और अधिबक्ताओं में संक्रमण फैलने लगा है, जिससे न्यायिक कार्यवाही के दौरान इसके और प्रसार की सम्भावना बन गई है। न्यायिक कर्मचारियों को संक्रमण का खतरा घर तक पहुँचने का सताने लगा है। ऐसे में रिमांड और रिलीज कार्य को छोड़ शेष न्यायिक कार्यवाही स्थगित की जाय ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके। संघ की तरफ से दी गई अर्जी में दूसरे न्याय मंडलों में ऐसी व्यवस्था लागू कर दिए जाने का हवाला भी दिया गया है।