Bihar Jamin Jamabandi: भागलपुर के शाहकुंड अंचल में जमाबंदी में गड़बड़झाला, DM ने खरीद-बिक्री पर लगाई रोक
भागलपुर के शाहकुंड अंचल में जमाबंदी में छेड़खानी का मामला सामने आया है। डीएम ने संज्ञान लेते हुए खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। वहीं डीएम ने मंगलवार को कई विभागों के कार्यों की समीक्षा भी की। शिक्षा विभाग की समीक्षा में पाया गया कि वर्ष 2024-25 के लिए अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माण का लक्ष्य 198 है। आठ वर्ग कक्ष बनाया जा चुका है और 18 निर्माणाधीन है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar Jamin Jamabandi News चापाकल मरम्मती, मुख्यमंत्री पेयजल योजना ग्रामीण, अजगैवीनाथ धाम और कहलगांव में शवदाह गृह निर्माण, दाखिल-खारिज, जमाबंदी की स्थिति की जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी द्वारा समीक्षा की गई। बताया गया कि शाहकुंड अंचल में जमाबंदी में गड़बड़झाला किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा संदिग्ध जमाबंदी वाली जमीन की खरीद-बिक्री एवं म्यूटेशन पर रोक लगा दी गई है। जीविका की समीक्षा में बताया गया कि जिले में 335474 जीविका दीदी सम्मिलित हैं एवं 28137 समूह कार्यरत है। मनरेगा के द्वारा 82.43 प्रतिशत मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। मनरेगा द्वारा 56 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण भी कराया गया है और 64 पर कार्य प्रगति पर है।
शिक्षा विभाग की समीक्षा
शिक्षा विभाग की समीक्षा में पाया गया कि वर्ष 2024-25 के लिए अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माण का लक्ष्य 198 है। आठ वर्ग कक्ष बनाया जा चुका है और 18 निर्माणाधीन है। समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत विद्यालयों में 122 शौचालय का निर्माण कराया जाना है, जिनमें से 11 बनाया जा चुका है, 51 पर कार्य प्रगति में है। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान ने बताया कि 31 जुलाई तक सभी में काम शुरू हो जाएगा।कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 2800 छात्रों का नामांकन के लक्ष्य के विरुद्ध 2752 छात्राओं का नामांकन किया गया है। बताया गया कि बिहपुर और गोपालपुर के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नामांकन के लिए सीट उपलब्ध है।बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना एवं कौशल युवा कार्यक्रम की प्रगति संतोषप्रद नहीं पाए जाने के कारण डीआरसीसी के प्रबंधक का वेतन स्थगित कर दिया गया है। सभी बीडीओ को विकास मित्र एवं आवास सहायक के माध्यम से आवेदन सृजित करने के लिए निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में भव्या, टेली कंसल्टेंसी, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, एनसीडी स्क्रीनिंग, प्रसव पूर्व जांच पंजीकरण, परिवार नियोजन, पूर्ण टीकाकरण, ओपीडी एवं आइपीडी में मरीजों की स्थिति की समीक्षा की गई। मौके पर एनआरसी में कुपोषित बच्चों को रेफर करने एवं परवरिश योजना के तहत अनाथ बच्चों को लाभान्वित करने की स्थिति की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी ऐसा बच्चा, जिसे इन योजनाओं का लाभ मिल सकता है, लेकिन संबंधित कर्मियों व पदाधिकारी की लापरवाही के कारण छूट गया है, तो संबंधित कर्मी और पदाधिकारी बख्से नहीं जाएंगे। इस बैठक में सामाजिक सुरक्षा, कल्याण विभाग, जिला बाल संरक्षण की योजनाओं की समीक्षा की गई।
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