Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

भागलपुर : सफाई वाले साहब से बोलीं मैडम, तीन माह से वेतन क्‍यों नहीं मिला है, जवाब-आपका कोई वैल्‍यू नहीं है

भागलपुर में सफाई वाले एक अधिकारी के पास एक मैडम पहुंच गई। उन्‍होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के सफाई कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इस पर अधिकारी ने कहा कि आप यहां क्‍यों आयी हैं। आपका अब कोई वेल्‍यू नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shuklaUpdated: Mon, 10 Oct 2022 08:59 AM (IST)
Hero Image
भागलपुर में सफाई कर्मचारियों को नहीं मिला है वेतन।

भागलपुर। एक मैडम जोश के साथ कर्मचारियों के वेतन भुगतान कराने के लिए सफाई वाले साहब के कार्यालय में पहुंच गई। साहब से कहा, तीन माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। वो सभी मेरे क्षेत्र के है। हमेशा मुझसे इसकी शिकायत करते हैं। पहले साहब ने उनकी सुनी। फिर धीरे से कहा अब आप निवर्तमान हो गई हैं। कृपया मुझे सलाह न दें। मुझे क्या करना है, किसे वेतन देना है या नहीं देना है। मेरा काम है। मैडम, सकते में पड़ गई। उन्हें कोई जवाब नहीं सूझ रहा था। बोली, नागरिक होने के नाते अपनी बात कह रहीं हूं। साहब ने कहा इस तरह की समस्या लेकर कार्यालय तक न आएं। मैडम मुंह लटकाएं कार्यालय से निकली। इधर, जिसका मुद्दा लेकर साहब के कार्यालय तक मैडम गई थी। वह टकटकी लगाए बैठे थे कुछ उनका भला होगा। पर मैडम कैसे बताएं साहब ने आइना दिखा दिया है।

दीदी का दौरा जारी है

शहर की बड़की दीदी। भले ही चुनाव रद हो गया है लेकिन दीदी का दौरा जारी है। हर रोज किसी न किसी मोहल्ले में जाकर लोगों से ध्यान देने की अपील कर रही है। हालांकि दीदी ने पहले वाले कार्यकाल में कोई तीर नहीं मारा था। उन्हें भी पता है कि इस बार थोड़ी मुश्किल है। उसी खाई को पाटने के लिए दीदी लगातार सक्रिय है। क्योंकि चुनाव रद नहीं होता तो दीदी की लड़ाई जरूर एक डाक्टर से हो जाती। वैसे दीदी को यह पता था कि उनसे लोग शिकायत करेंगे। आपने पांच साल शहर में क्या किया? दीदी ने इस सवाल के जवाब की काट खोज ली थी। कुछ जगह बोलने लगी थी, उन्हें काम करने ही नहीं दिया गया। हमेशा विवाद में घेरे रखा। लेकिन शहर की जनता जानती है किस तरह से साजिश करके लोगों ने घेरा। खैर, इस बार भरोसा करिएगा सब काम होगा चकाचक।

बड़के साहब का डर

दहशत किसे कहते हैं। फिलहाल शहर की सफाई वाले विभाग में देखने को मिल रहा है। छोटे से लेकर बड़े तक सभी डाटा तैयार करने में जुटे हैं। पता नहीं साहब किस मुद्दे पर चर्चा कर लें। दरअसल, बड़के साहब सफाई वाले विभाग की बैठक लेने वाले हैं। बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। वैसे भी साहब, सफाई वाले विभाग की कार्यशैली को लेकर पहले नाराजगी जता चुके हैं। इधर, पूरा शहर डेंगू की चपेट में हो गया तब बड़के साहब ने हर तरफ छिड़काव करने का निर्देश जारी किया। पर आदत से मजबूर विभाग ने कुछ धरातल पर तो कुछ कागज पर ही छिड़काव करा दिया। छिड़काव का असर ऐसा कि डेंगू के मच्छर बिना रोकटोक रोज नये इलाके में प्रवेश कर रहे हैं। साहब, छिड़काव के मुद्दे पर कहीं नाराज न हो जाएं इससे पहले विभाग ने पूरे एक माह का छिड़काव का रोस्टर तैयार कर लिया।

वोट के ठीकेदार मौज में

नगर निकाय चुनाव के रद होने से प्रत्याशियों में मायूसी है, लेकिन वोट के ठीकेदार मौज में है। क्योंकि चुनाव की घोषणा के बाद ही मोहल्लेवार ठीकेदार सक्रिय हो गए थे। जिन्होंने वोट दिलाने के नाम पर मोटा माल लिया था। सबकुछ ठीक चल रहा था। एकाएक चुनाव रद होने की खबर आ गई। इसके बाद क्या था। चारों तरफ होने वाला चुनावी शोर थम गया। प्रत्याशियों के दरवाजे पर सन्नाटा छा गया। कुछेक प्रत्याशियों ने ठीकेदारों से संपर्क साधा तो उन्होंने कहा सब माल बंट गया। वोट पड़ जाता तो अबकी जीत पक्की थी। प्रत्याशी समझ गए कि उनका माल अब वापस नहीं लौटेगा। बेचारे प्रत्याशी करते भी क्या? एक तरफ यह माल भी गया, दूसरी तरफ एक माह तक घर पर चले भंडारे का भी नुकसान हुआ। जब फिर चुनाव की घोषणा होगी तो फिर से ठीकेदार साहब को माल फिर देना पड़ेगा। इसको लेकर खासे परेशान है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें