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Bhagalpur Municipal Election: मतदाताओं के फोकस पर 3 प्रत्याशी, दिलचस्प है मुकाबला; कम रहेगा मतों का अंतर

बिहार के भागलपुर जिले में नगर निगम मेयर का चुनाव दिलचस्प हो गया है। मतदान होने के बाद तीन प्रत्याशियों के बीच मुख्य मुकाबला हो गया है। मतदाताओं का मुख्य फोकस यही तीन प्रत्याशियों पर रहा है। मेयर व उप मेयर का चुनाव सीधे जनता कर रही है।

By Edited By: Ashish PandeyUpdated: Thu, 29 Dec 2022 11:28 AM (IST)
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बिहार के भागलपुर जिले में नगर निगम मेयर का चुनाव दिलचस्प हो गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में नगर निगम मेयर का चुनाव दिलचस्प हो गया है। मतदान होने के बाद तीन प्रत्याशियों के बीच मुख्य मुकाबला केंद्रित हो गया है। मेयर पद के लिए नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला तीन प्रत्याशियों के बीच ही है। पूर्व मेयर सीमा साह, डा. वसुंधरा लाल व पूर्व वार्ड पार्षद गजाला परवीन के बीच कांटे की टक्कर है। मतदाताओं का मुख्य फोकस इन्हीं तीन प्रत्याशियों पर रहा है।

जिले में पिछली बार 46 प्रतिशत के करीब वोटिंग हुई थी। तब वार्ड पार्षद पद के लिए 434 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। जीतकर आए वार्ड पार्षदों ने मेयर व उप मेयर का चुनाव किया था। इस साल मेयर व उप मेयर का चुनाव सीधे जनता कर रही है। यही कारण है कि इस बार वार्ड पार्षद पद के लिए 204 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में थे। मेयर पद के लिए नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। डिप्टी मेयर पद के लिए भी नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

मात्र 47 प्रतिशत हुए मतदान

मतदाताओं ने नगर सरकार बनाने के लिए कोई खास दिलचस्पी इस बार भी नहीं दिखाई। मात्र 47 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में गजाला परवीन आगे हैं। वहीं पूर्व मेयर सीमा साह को लगभग हर बूथ पर मत पड़े हैं। डा. बसुंधरा लाल दक्षिणी व मध्य क्षेत्र में अच्छा-खासा मत मिला है। उम्मीद की जा रही है कि इन प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला है। जीत-हार का अंतर पांच हजार से कम होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, हर प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। सभी के समर्थक पड़े मतों का जोड़-घटाव कर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। मेयर पद के लिए सविता देवी, प्रतिमा देवी, गजाला परवीन, रफअत बानो, बसुंधरा लाल, खुशबू कुमारी, सीमा साहा, श्वेता प्रियदर्शनी व अमृता राज चुनाव मैदान में थी। किसके सिर ताज सजेगा, यह तो 30 दिसंबर को ही पता चलेगा, लेकिन शहर में मेयर पद को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। सभी अपने-अपने हिसाब से मेयर का आकलन कर रहे हैं।

पहले वार्ड पार्षद चुनने की चिंता, उसके बाद मेयर

जिले के मतदाताओं को पहली बार सीधे मेयर और डिप्टी मेयर को चुनने का मौका मिला। इसके लिए वे उत्साहित भी थे पर उससे भी ज्यादा उत्साहित वे अपने वार्ड काउंसलर को चुनने के प्रति दिखे। उनका मानना था कि मेयर और डिप्टी मेयर से उनका सामना शायद ही कभी हो पर वार्ड काउंसलर से तो हर वक्त होगा। काम छोटा हो या बड़ा, साइन कराने के लिए उन्हें अपने काउंसलर के पास ही जाना पड़ेगा। इसलिए वे ऐसे उम्मीदवार को अपना काउंसलर बनाना चाहते थे जो उनके लिए एक संरक्षक की तरह हो। मुसीबत में उनके काम आए। उनके हर काम को अपना काम समझे और उसे पूरा कराने में तत्परता दिखाए।

क्या रहा मतदाताओं का रिएक्शन

बरारी हाई स्कूल मतदान केंद्र में मतदान करने अपनी पोती के साथ जा रही शकुंतला देवी ने कहा कि अपने पसंद का पार्षद चुनने के लिए वोटिंग करने जा रही हूं। मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि उससे बहुत मतलब नहीं है। जिसे मन करेगा वोट दें दूंगी। कार्मेल स्कूल के समीप स्थित अंबेडकर भवन में भी मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां अलग-अलग उम्मीदवारों के समर्थक मतदाता पहचान पत्र के साथ बैठे थे। यहां एक साथ पांच छह महिलाओं को लेकर संतोष कुमार पहुंचे। मतदान पर्ची के साथ बैठे एक व्यक्ति को उन्होंने कहा कि इन सबका नाम सीरियल नंबर में देख कर पर्ची दे दीजिए। फिर महिलाओं की ओर देख कर बोला कि पहले वार्ड पार्षद के लिए वोट दीजिएगा। इसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कीजिएगा।

संतोष व सलाहउद्दीन के बीच कांटे की टक्कर

डिप्टी मेयर पद के लिए मुख्य मुकाबला संतोष कुमार व सलाहउद्दीन अहसन के बीच है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर है। मतदाताओं ने दोनों ही प्रत्याशियों को जमकर वोट डाले हैं। संतोष कुमार व सलाहउद्दीन अहसन के अलावा सुबोध मंडल, कविता राय, अनूप लाल साह, भागीरथ साह, आशीष मंडल व नेहा कुमारी चुनाव मैदान में थीं। सलाहउद्दीन अहसन को लगभग सभी बूथ पर वोट पड़े हैं। संतोष कुमार को दक्षिण, उत्तर व पश्चिमी क्षेत्र में वोट पड़े हैं।

ई-रिक्शा वालों की चांदी

निकाय चुनाव को लेकर बुधवार को वोटिंग हुई। इस दौरान शहर की सड़कों से ई-रिक्शा तो जैसे गायब ही हो गए। मुख्य सड़क से अधिक मोहल्लों में इसका परिचालन हो रहा था। वार्ड पार्षद से लेकर मेयर और डिप्टी मेयर पद के प्रत्याशियों ने मोहल्ले से मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा बुक कराए थे। इसी कारण बुधवार को शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा की संख्या काफी कम दिखी। या यूं कहें ई-रिक्शा वालों की चांदी हो गई। तिलकामांझी से स्टेशन चौक, तिलकामांझी से बरारी, स्टेशन से नाथनगर जाने वाली सड़कों पर इक्का दुक्का ही ई-रिक्शा चलते दिखे।

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